4 अपने विद्यालय के लिए परिकल्पना का निर्माण करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करना।

ज्यादातर मामलों में, विद्यालय की परिकल्पना का विकास विद्यालय नेतृत्व के द्वारा किया जाता है। हमेशा यही मामला नहीं होता: शायद एक नया विद्यालय प्रमुख विद्यालय में आए और देखे कि विद्यालय और समुदाय के बारे में अपनी समझ के आधार पर समुदाय की विद्यालय के बारे में स्पष्ट धारणा है। यह ज़रूरी है कि परिकल्पना विद्यालय की सुधार की यात्रा के दौरान सभी हितधारकों को एकत्रित करे। ऐसा विद्यालय जहां समुदाय के सदस्य और विद्यालय नेतृत्व (भुगतान पाने वाला व्यावसायिक) असहमत हो वह एक असहर्ज स्थिति होगी, वहां विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को बेहतर बनाने के लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय ज्यादातर ऊर्जा व्यर्थ ही जा रही होगी।

सभी स्थानीय समुदाय भिन्न होते हैं। विद्यालय के आसपास के महत्वपूर्ण हितधारक और उनके समुदायों में शामिल हैं:

  • शिक्षक
  • विद्यार्थी
  • विद्यार्थियों के माता पिता और परिवार
  • समुदाय के नेता जिनमें स्थानीय व्यवसाय शामिल हैं।

अगर विद्यालय के विकास के लिए हितधारकों का समर्थन हासिल करना है तो उन्हें विद्यालय की परिकल्पना को समझने और विकसित करने में शामिल करने की आवश्यकता होगी। हितधारकों में ऐसे लोग शामिल होते हैं जिनकी शिक्षा का स्तर अलग अलग होता है और आधुनिक विद्यालयों की आवश्यकताएं क्या होती है इसकी समझ भी अलग होती है। यह विद्यालय नेतृत्व की जिम्मेदारी है कि उनके विकास को सूचित करे और समर्थन दे। यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब परिकल्पना में ऐसे सुधार शामिल हों जो चली आ रही परम्परा से अलग हो। एक तरफ, विद्यालय नेतृत्व के लिए शायद यह सही हो कि वह मार्गदर्शन करें और इसकी विद्यालय समुदाय के द्वारा प्रशंसा भी हो सकती है; और दूसरी तरफ ऐसे दृष्टिकोण पर नाराज़गी भी फैल सकती है और समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।

केस स्टडी 3: श्री सिंह ने अपना र्काय जारी रखा

श्री सिंह ने शिक्षकों, SMC और समुदाय के प्रमुखों को विद्यालय के बारे में चर्चा में संलग्न रखा। उन्होंने सहज प्रेरणा से उन्हें वे बातें बतानी शुरू की जिन्होंने गर्व महसूस कराया था और तभी उन्होंने ऐसी किसी बात की पहचान की जिसके बारे में वे पूरे निश्चित थे कि सुधार करने के लिए सबको उसका पता होना चाहिए। उन्होंने सभी को समान दृष्टिकोण रखने के लिए प्रोत्साहित किया। परिकल्पना की प्रक्रिया में वह पहला महत्वपूर्ण चरण था।

श्री सिंह ने विद्यालय के चक्कर लगाना, छात्रों और कर्मचारियों से और अभिभावकों के विद्यालय में आने के बाद उनसे बात करना जारी रखा। यह जानकारी मूल्यवान थी और उन्होंने उसे पहले से ही एकत्रित जानकारी में जोड़ा। यहां उनके कुछ प्रेक्षण दिये गये हैं:

  • कुछ शिक्षा दृढ़ होती है। वहां दो बहुत ही प्रतिभावान महिला शिक्षिकाएं थी जिनका कर्मचारी और छात्र सम्मान करते थे।
  • वहां कुछ अन्य शिक्षक थे जिनका काम कमज़ोर था, उनमें से कुछ हमेशा अनुपस्थित रहते थे।
  • स्थानीय माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं का नामांकन और उपस्थिति बहुत ज्यादा थी। उच्च माध्यमिक विद्यालय में नामांकन संख्या गिर कर विद्यालय की कुल संख्या का सिर्फ 25% हो गई थी।
  • सरकारी परिक्षाओं में छात्राएं लगातार सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं।
  • सरकारी परिक्षाओं में छात्राएं लगातार सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं।
  • शौचालयों का उचित रखरखाव नहीं किया जाता था और वे गंदे थे। छात्राओं के लिए सिर्फ एक ही शौचालय था और वह भी छात्रों के शौचालय के नजदीक था। इस साल जो नए शिक्षक विद्यालय में शामिल हुए थे उनमें से कुछ लोकप्रिय थे लेकिन शिक्षा और व्यवहार को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
  • अभिभावक और स्थानीय समुदाय बहुत ही सहायक थे।

उच्च माध्यमिक कक्षा के पहले जिन छात्राओं ने विद्यालय छोड़ा उनके नुकसान को देखकर और इससे उन लड़कियों और युवतियों के जीवन के अवसरों पर पड़नेवाले प्रभाव को देखकर श्री सिंह को गहरा सदमा लगा। शौचालयों से आनेवाली बदबू के कारण वे छात्राओं की दुर्दशा के बारे में सोचने के लिए मजबूर हुए, ऐसा कुछ जिसके बारे में अभिभावकों और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने सूचित किया था। नियमित रूप से पाठों के अवलोकन ने उन्हें छात्रों और कर्मचारियों के लिए रोल माडल बनकर प्रदर्शन करने वाली सशक्त विद्यार्थियों के बारे में सजग किया।

वे इस बात से सहमत थे कि विद्यालय की परिकल्पना में सभी विद्यार्थियों का समावेश, विद्यालय तक उनकी पहुँच और उन्हें उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा की उपलब्धता शामिल होनी चाहिए।

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के कुछ सप्ताह के बाद श्री सिंह ने कर्मचारियों (छ: शिक्षक) तथा एसएमसी (चार अभिभावक, दो सामुदायिक नेता और एक स्थानीय व्यावसायी) की एक संयुक्त बैठक आयोजित की। इस समय तक सभी उनके पाठ्यक्रम के बारे में सुन चुके थे और विद्यालय में चारों ओर उन्हें इस पर चर्चा करते देख चुके थे कि अब तक उन्होंने क्या अच्छा काम किया है और कहां परिवर्तन करने की जरूरत है। श्री सिंह ने बैठक को चार या पाँच व्यक्तियों के समूह में विभाजित किया तथा प्रत्येक समूह से उनके तीन ‘मूल्यों’ - सिद्धांतों को लिखने के लिए कहा जिन्हें विद्यालय की गतिविधियों में जोड़ा जाना चाहिए। उन्होने सभी सुझावों को एकत्रित किया और पाया कि सभी विचारणीय सुझाव लगभग एक जैसे थे। श्री सिंह उन सभी विचारों को अगली बैठक के लिए लिखकर रखने पर सहमत थे।

एक सप्ताह के बाद, उन्होने अगली बैठक का आयोजन किया। इस बार, प्रत्येक समूह ने सहमत सिद्धांतों के सेट से शुरू किया और एक परिकल्पना वक्तव्य तैयार किया। काफी वाद-विवाद के बाद वे इन नतीजों पर पहुंचे: “यह एक ऐसा विद्यालय है जिसमें सभी विद्यार्थियों को समान रूप से महत्वपूर्ण समझा जाता है और उनकी देख रेख की जाती है, तथा सभी को उनकी सकारात्मक क्षमताओं को विकसित करने का अवसर प्राप्त है।

ध्यान दें किस प्रकार मुख्य हितधारक परिकल्पना वक्तव्य को अमल में लाने के लिए एक साथ काम करते हैं। परंतु पाठ्यक्रम और दो बैठकों के बीच, श्री सिंह ने अभिभावकों और विद्यार्थियों समेत अलग-अलग तरह के अनेक व्यक्तियों से चर्चा की। उन्होंने उनके विचारों को सुना था तथा विद्यालय के मुख्य उद्देश्य के बारे में विचार करने हेतु उन्हें प्रोत्साहित किया था। इस प्रकार से, वह कथन सम्पूर्ण समुदाय का वास्तविक प्रतिबिंब था।

गतिविधि 3: अपने विद्यालय में एक परिकल्पना वक्तव्य बनाना

इस क्रियाकलाप में आप एक योजना बनाने जा रहे हैं जो कि आपको आपके विद्यालय हेतु एक परिकल्पना वक्तव्य बनाने में सक्षम बनाएगी।

  • श्री सिंह की भांति दो सप्ताह व्यतीत कीजिए, अपने विद्यालय के बारे में सूचना एकत्रित करते हुए शिक्षकों, माता-पिता, विद्यार्थियों तथा सामुदायिक नेतृत्वकर्ताओं के साथ वार्तालाप के माध्यम से जुड़ने के द्वारा समझें कि उनके विचार में विद्यालय कौन से कार्य अच्छे से करता है तथा विद्यालय को कहां पर सुधार करने की आवश्यकता है। (इकाई नेतृत्व पर परिप्रेक्ष्य: विद्यालय की आत्म-समीक्षा का नेतृत्व आपको कुछ विचार दे सकती है।)
  • अपने सीखने की डायरी (लर्निंग डायरी) में, SMC शिक्षकों की दो संयुक्त बैठकों की योजना बनाएं ताकि अपने मुख्य मूल्यों की पहचान कर सकें तथा एक परिकल्पना वक्तव्य बना सकें।

3 अपने विद्यालय के लिए एक परिकल्पना विकसित करना

5 परिकल्पना से कार्यवाही तक