5 परिकल्पना से कार्यवाही तक
परिकल्पना वक्तव्य इसलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह संदर्भ के लिए एक ढांचा प्रदान करता है। आप एवं आपके सहयोगी द्वारा की जाने वाली किसी भी कार्यवाही का मिलान इस वक्तव्य के साथ किया जा सकता है ‘यदि मैं यह कार्य करूंगा तो क्या यह हमारी परिकल्पना (विजन) में योगदान करेगा?’
परिकल्पना वक्तव्य एक संक्षिप्त विवरण होता है जो कि विद्यालय के आदर्शों तथा भविष्य की योजनाओं का सारांश होता है। यह विस्तृत नहीं होता है, लेकिन इसे एक मिशन वक्तव्य के रूप में विस्तारित किया जा सकता है (नेतृत्वकर्ता दल के लिए), जो कि संगठन के उद्देश्य एवं मुख्य लक्ष्यों को परिभाषित करता है।
यह परिकल्पना (विजन) तथा मिशन वक्तव्य के बीच की भिन्नता को स्पष्ट करने में सहायक है (तालिका 2)।
Difference | Vision statement | Mission statement |
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Detail | Outlines where you want to be Communicates both purpose and values | Talks about how you will get to where you want to be Defines the purpose and primary objectives |
Answer | Answers the question, ‘Where do we aim to be?’ | Answers the questions ‘What do we do?’ and ‘What makes us different?’ |
Time | Talks about future | Talks about the present leading to the future |
Function | Lists where you see yourself some years from now. Inspires and shapes direction | Lists the broad goals for which the school is formed Defines the key measures of success – the prime audience is the leadership team and stakeholders |
Change | Will remain intact because it is about values, not just what you do | May change, but will derive from core values, pupil needs and vision |
Developing a statement | Where do we want to be going forward? When and how? | Why do we do what we do? What, for whom and why? |
Features of an effective statement | Clarity and lack of ambiguity Describing a bright future (positive) | Translates purpose and values into actions |
केस स्टडी (केस स्टडी) 2 व 3 में श्री सिंह के विद्यालय ने एक बार अपने परिकल्पना वक्तव्य (विज़न स्टेटमेंट) (‘यह एक ऐसा विद्यालय है जिसमें सभी बच्चे महत्वपूर्ण हैं तथा उनकी परवाह की जाती है तथा उनके पास अपनी सकारात्मक संभावनाओं को पूरा करने का अवसर है’) का निर्माण किया था। उन्होंने अपनी वरिष्ठ नेतृत्व टीम के साथ काम किया था (जिसमें उनके सहायक तथा एसएमसी के अध्यक्ष शामिल थे) और निम्नलिखित प्रश्न पूछा था: ‘यदि हमारी परिकल्पना यह है तो हमें इसे वास्तविकता में बदलने के लिए क्या करना होगा?’
यह परिकल्पना वक्तव्य निर्धारित है लेकिन लक्ष्य कथन तथा उसके बाद की कार्यवाही संदर्भ और विद्यालय की आत्म-समीक्षा के हिस्से के रूप में संचित जानकारियों पर निर्भर करेंगी।
इस बात की संभावना है कि किसी भी तरह की समीक्षा क्षमता से अधिक कार्यवाही को जन्म देगी! यहीं पर एक स्पष्ट परिकल्पना वक्तव्य का होना आवश्यक हो जाता है क्योंकि वह विद्यालय का नेतृत्व करने वाली टीम को अपनी कार्यवाही की प्राथमिकता का निर्धारण करने में सहायता करेगा।
एकत्र की गयी जानकारियों के आधार पर श्री सिंह तथा उनकी टीम को यह एहसास हुआ कि सभी विद्यार्थियों द्वारा उनकी संभावनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए उनको अपनी शिक्षण गुणवत्ता को बेहतर करने तथा अपनी महिला छात्राओं की शिक्षा को समर्थन देने के लिए विशिष्ट कदम उठाने की जरूरत है। दो प्राथमिकताओं की पहचान की गयी है:
- विद्यालय में छात्राओं के प्रवेश में वृद्धि करना।
- सारे विद्यालय में शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर करना।
इन प्राथमिकताओं के लिए कुछ विशिष्ट कार्यवाही की अवश्यकता होती है:
- छात्राओं के लिए एक नए शौचालय के लिए वित्तपोषण का अनुरोध करना
- विद्यालय की ऐसी पूर्व छात्राओं के नेतृत्व में छात्राओं की भर्ती के लिए एक ग्राम अभियान चलाना जो अब सफल महिलाएं हों, अपनी डिग्री के लिए अध्ययन कर रही हों या अपने चुने हुए क्षेत्र में कार्यरत हों
- अच्छे कार्याभ्यासों की तलाश के लिए, अक्षम स्टाफ़ की मदद के लिए और नई भर्तियों के प्रशिक्षण/उन्हें सलाह-मशविरा देने के लिए महिला अध्यापन समर्थकों की पहचान करना
- सीखने के आकलन में सुधार लाने के लिए Tess-India मुख्य संसाधनों का उपयोग करना, ताकि विद्यार्थी अपनी खुद की प्रगति के लिए जिम्मेदारी लेने में समर्थ बन सकें।
स्व-समीक्षा और विद्यालय विकास योजना पर नेतृत्व इकाइयां मौजूद हैं। उनमें स्व-समीक्षा तथा विकास नियोजन में मदद के लिए अधिक जानकारी और गतिविधियां दी गई हैं।
परिकल्पना (विज़न) का उद्देश्य है विद्यालय नेतृत्व को उन कार्यों की पहचान करने एवं उन्हें प्राथमिकता के क्रम में लगाने में मदद करना जिन्हें उनके नियोजन में शामिल होना चाहिए।
4 अपने विद्यालय के लिए परिकल्पना का निर्माण करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करना।