1 शिक्षक विकास पर परिदृश्य

अध्यापन कोई स्थिर व्यवसाय नहीं है बल्कि प्रौद्योगिकी, सदैव बदलते ज्ञान, वैश्विक अर्थशास्त्र के दबावों और सामाजिक दबावों से प्रभावित होकर बदलता रहता है। इसका मतलब है कि इन परिवर्तनों को संबोधित करने के लिए अध्यापन के तरीकों और कौशलों का लगातार अद्यतन और विकास आवश्यक है। शिक्षकों का बदलाव की क्षमता से युक्त होना अनिर्वाय है।

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ, 2005) के शैक्षणिक स्वप्न को हमारी कक्षाओं में शिक्षक साकार कर सकें, इसके लिए महत्वपूर्ण है कि शिक्षकों का व्यावसायिक विकास किया जाय जिसका दायित्व विद्यालय प्रमुख के कंधों पर है। नेशनल प्रोग्राम डिजाइन एंड करिकुलम फ्रेमवर्क (2014) का मुख्य क्षेत्र 3 विद्यालय प्रमुख की क्षमाताओं का विकास करके पढ़ाने–सीखने की प्रक्रिया को बच्चों पर केंद्रित रचनात्मक संलग्नता में रूपांतरित करने पर केद्रित है। इस तरह अपने विद्यालय में हर शिक्षक के सतत व्यावसायिक विकास (सीपीडी) को नियोजित करने, उसकी निगरानी करने और उसे सक्षम करने में विद्यालय प्रमुख की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

क्रिस्टोफर डे (1999) तर्क प्रस्तुत करते हैं कि शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को एक जीवन-पर्यंत की गतिविधि के रूप में देखा जाना चाहिए जो उनके निजी और साथ ही व्यावसायिक जीवन पर और कार्यस्थल की नीति और सामाजिक सन्दर्भ पर ध्यान केंद्रित करती है। यह बात विद्यालय प्रमुख के ध्यान में रखने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ठीक जैसे छात्र हमेशा सीखते ही रहेंगे, शिक्षक भी वैसे ही हमेशा सीखते रहेंगे। इस बात का कोई अंतिम बिंदु नहीं होता जब सारा ज्ञान और कौशल प्राप्त हो चुके होंगे।

चित्र 1 विकास की जरूरतों पर चर्चा करते शिक्षक।

हालांकि केंद्रीयीकृत पाठ्यक्रमों में व्यावसायिक विकास प्रायः मौजूद होता है, विद्यालय-आधारित व्यावसायिक विकास के कई लाभ हैं और वह अपने व्यावसायिक विकास में लगे शिक्षकों को कई बाधाओं पर पार करने में मदद करता है जिन्हें केंद्रीयीकृत पाठ्यक्रम प्रदान नहीं कर सकते; उदाहरण के लिए:

  • शिक्षक-विशेष के व्यावसायिक विकास की जरूरतों को संबोधित करके

  • विद्यालय की विशिष्ट जरूरतों और विशेषताओं को संबोधित करके
  • विद्यालय के विकास के लिए विशिष्ट बिंदुओं के साथ समायोजित होकर
  • एक साथ काम करने वाले शिक्षकों के समूह को लेकर क्षमता और कौशलों के निर्माण को आसान बनाकर
  • अध्यापन की समयसारणी में व्यवधानों को कम करके, क्योंकि शिक्षक पढ़ाते समय अपने व्यावसायिक विकास पर काम कर सकते हैं
  • छात्रों के सीखने के बारे में तत्काल प्रतिक्रिया की संभावना प्रदान करके, क्योंकि व्यावसायिक विकास कक्षा में हो सकता है
  • विद्यालय प्रमुख को व्यावसायिक विकास की गुणवत्ता और ध्यान देने पर अधिक नियंत्रण देकर।

यह इकाई विद्यालय-आधारित उन गतिविधियों के माध्यम से माध्यमों से सेवारत शिक्षकों के विकास पर जोर देती है जो प्रभावी सीखने और अध्यापन की प्रक्रिया तथा साथ ही सारे विद्यालय के सुधार को प्रोत्साहित करती हैं।

अगली गतिविधि का लक्ष्य आपकी यह सोचने में कि अध्यापन की परिपाटी में किन परिवर्तनों की जरूरत पड़ सकती है और एन0सी0एफ0टी0ई0 (2009) के मार्गदर्शन में, व्यावसायिक विकास के पाठ्यक्रमों अथवा विद्यालयी व्यावसायिक विकास में से किसी एक को चुनने में मदद करना है।

गतिविधि 1: एनसीएफटीई (2009) की समीक्षा

एनसीएफटीई (2009) का अध्याय 3 (‘पाठ्यचर्या का उपयोग करना और विकासशील शिक्षक का मूल्यांकन करना) अध्यापकों की शिक्षा की वर्तमान प्रथा और यह कैसे अधिक प्रक्रिया-आधारित बन सकती है, इस बात की पहचान करता है। एनसीएफटीई में पहचानी गई कुछ विशेषताओं पर नज़र डालें जिनका वर्णन चित्र 2 में किया गया है। रेखा पर उस जगह निशान लगाएं जहाँ आपके अनुसार आपका विद्यालय शिक्षकों के विकास के संबंध में अधिकतर काम करता है: क्या यह अधिकतर बायीं ओर है या अधिकतर दायीं ओर है? यह याद रखें कि यह गतिविधि करते समय शिक्षकों पर छात्रों की तरह नहीं, बल्कि सीखने वालों की तरह ध्यान केंद्रित करना हैं।

चित्र 2 एक सातत्यक पर एनसीएफटीई की विशेषताएं।

Discussion

चर्चा

इस गतिविधि का लक्ष्य यह चिंतन शुरू करने में आपकी मदद करना था कि आपका विद्यालय वर्तमान में एनसीएफटीई (2009) में स्पष्ट और अनुशंसित की गई परिपाटियों की दिशा में किस हद तक काम कर रहा है ताकि ‘चिंतन-मनन की परिपाटी को अध्यापक की शिक्षा का मुख्य लक्ष्य’ बनाया जा सके और इस बात को मान्यता प्रदान की जा सके कि ‘अध्यापन से संबंधित ज्ञान को शिक्षक द्वारा अपनी परिपाटियों पर आलोचनात्मक चिंतन के माध्यम से विविध संर्दभों में विविध जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार अनुकूलित करना होगा’ (पृ. 19-20)। आदर्श रूप से आपके सभी अंकों को बाएं हाथ की ओर होना चाहिए जहाँ सीखने की प्रक्रिया सक्रिय और पारस्परिक क्रियात्मक है। वास्तविकता यह हो सकती है कि आपके अंक दायीं ओर या मध्य में हैं। यह आपको आगे बढ़ने (और चर्चा) के लिए दिशा प्रदान करता है।

एक विद्यालय प्रमुख के रूप में आप विद्यालय के सुधार के लिए और छात्रों के सीखने के परिणामों और स्टाफ के विकास के लिए जिम्मेदार हैं। आदर्श रूप से, आप अपने शिक्षकों के साथ अध्यापन करने के उनके दैनिक अनुभव के माध्यम से उनके ज्ञान को इस तरह विकसित करने के लिए काम करेंगे कि जिससे आपके शिक्षकों को अपने ज्ञान और कौशलों को एक खुलेपन के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है ताकि वे एक दूसरे का अवलोकन कर सकें एक साथ और पाठ्यचर्या के अनेकों स्थानों (खेत, कार्यस्थल, घर, समुदाय और मीडिया) पर मुद्दों पर चर्चा कर सकें।

इसे सुगम करने के लिए, एक विद्यालय नेता होने के नाते, आपको उपयुक्त सुरक्षित ‘स्थान’ बनाने की जरूरत पड़ेगी जहाँ शिक्षकों को महसूस हो कि वे अपने अनुभव साझा कर सकते हैं, और जहाँ प्रयोग करने को प्रोत्साहन मिलता हो और अवधारणाओं की कद्र होती हो।

इस इकाई से विद्यालय प्रमुख क्या सीख सकते हैं

2 शिक्षकों की व्यावसायिक अधिगम और विकास (पीएलडी)