2 शिक्षकों की व्यावसायिक अधिगम और विकास (पीएलडी)

व्यावसायिक अधिगम और विकास (पीएलडी) का संबंध किसी भी व्यक्ति की अपने काम या प्रैक्टिस से संबंधित ज्ञान और कौशल अर्जित करने की क्षमता से, या जानकारी की तलाश करने और अपने व्यावसायिक क्षेत्र में स्वयं को सुविज्ञ बनाए रखने से है।

नेशनल कौंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीएफटीई, 2009, पृ. 64-5) के अनुसार, शिक्षकों के पीएलडी के लिए मुख्य लक्ष्य हैं:

  • अपनी खुद की परिपाटी का अन्वेषण, उस पर चिंतन-मनन और विकास करना
  • अपने शैक्षणिक अनुशासन या विद्यालयी पाठ्यक्रम के अन्य क्षेत्रों के बारे में अपने ज्ञान को गहन करना और अद्यतित करना
  • विद्यार्थियों और उनकी शिक्षा पर शोध और चिंतन करना
  • शैक्षणिक और सामाजिक मुद्दों को समझना और अद्यतित करना
  • शिक्षा/अध्यापन से व्यावसायिक रूप से जुड़ी अन्य भूमिकाओं के लिए तैयारी करना, जैसे अध्यापकों की शिक्षा, पाठ्यचर्या विकास या परामर्श
  • बौद्धिक अलगाव से बाहर निकलना और कार्यस्थल में अन्य लोगों, विशिष्ट विषयों के क्षेत्र में काम कर रहे शिक्षकों और शिक्षाविदों और साथ ही निकटतम वृहत्समाज में बुद्धिजीवियों के साथ अनुभव और अंतदृर्ष्टियाँ साझा करना।

एससीईआरटी DIETs के साथ मिलकर शिक्षकों के लिए अधिकांश (यदि सभी नहीं तो) आधिकारिक पीएलडी उपलब्ध कराने के लिए काम करता है। यह काम आम तौर पर विशेष रूप से आयोजित कार्यशालाओं में किया जाता है जहाँ व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक होती है। यह प्रशिक्षण समस्यापूर्ण हो सकता है क्योंकि यह केवल सामान्य मुद्दों को ही संबोधित कर सकता है और कई बार प्राथमिक रूप से नई नीति और हस्तक्षेप की जानकारी देने के मार्ग का काम करता है।

आपके शिक्षकों के कौशलों के स्तर और विकास की जरूरतें भिन्न होती हैं। उनकी अलग–अलग अभिप्रेरणाओं और विशेषताओं का मतलब यह भी होगा कि आपको उन्हें पीएलडी के साथ संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अलग-अलग तरीकों का उपयोग करना पड़ेगा। (नीचे प्रस्तुत) श्रीमती गुप्ता का उदाहरण एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जिसे स्पष्ट रूप से कुछ पीएलडी की जरूरत है लेकिन जो हो सकता है जुड़ने होने को तैयार न हो। श्रीमती गुप्ता आपको किसी परिचित व्यक्ति जैसी लग सकती हैं। इस केस स्टडी का उपयोग गतिविधि 3 में किया जाएगा।

केस स्टडी 2: श्रीमती गुप्ता का अध्यापन

श्रीमती गुप्ता 16 वर्षों से एक ही प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका हैं। उन्हें अपनी प्रदर्शन की गई वस्तुओं, घर से कागज लाने और कैंची, गोंद, स्टेंसिल और ड्राइंग पिन से भरे एक विशेष डिब्बे पर बड़ा गर्व है। उनकी कक्षा में प्रदर्शन की सर्वोत्तम वस्तुएं हैं जिन्हें वे दो ‘सक्षम’ लड़कियों के साथ मिलकर संयोजित करती हैं। जब भी कभी अभिभावक और अन्य आगंतुक उन प्रदर्शनों को देखते हैं तो प्रायः प्रशंसा करते हैं। उन्हें ऐसी प्रशंसा पाकर बड़ा गर्व होता है।

सामान्यतः, श्रीमती गुप्ता को अपना काम पसंद है लेकिन उन्हें विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के कुछ अध्याय पसंद नहीं हैं जिन्हें वे इसलिए पढ़ाना नहीं चाहती हैं क्योंकि वे सिद्धांत और विषय-वस्तु के बारे में अनिश्चित हैं। कभी-कभी वे अध्यापन से कुछ ऊब सी जाती हैं लेकिन सामान्य तौर पर उन्हें छात्रों से संपर्क में रहना पसंद है, खास तौर पर मेधावी छात्रों के साथ जिन्हें वे कक्षा में सामने बैठने को कहती हैं; वे अपने ‘पसंदीदा’ छात्र रखने की बात से शर्मिंदा नहीं महसूस करती हैं। वे कक्षा में पीछे बैठने वाले कम सक्षम छात्रों पर अधिक ध्यान नहीं देती हैं, और जब कभी फसल कटने के दिनों में हाजिरी कम रहती है तो यह सोचकर राहत महसूस करती हैं कि उन्हें कम छात्रों का सामना करना होगा।

श्रीमती गुप्ता ने कभी-कभार DIET में प्रशिक्षण कार्यशालाओं में भाग लिया है, लेकिन यदि संभव हो तो उन्हें टालने का प्रयत्न करती हैं। वे यात्रा करना या ऐसी जगहों पर जाना पसंद नहीं करतीं जहाँ उनकी पहचान के लोग न हों। वे अन्य सहकर्मियों की व्यक्तिगत स्तर पर सहायता करती हैं लेकिन अध्यापन की परिपाटी के बारे में वार्तालापों या विद्यालय में सुधारों के बारे में वृहत् चर्चाओं में वास्तव में संलग्न नहीं होती हैं। वे बस अपनी कक्षा को पढ़ाने के लिए विद्यालय आती हैं और फिर अपने परिवार की देखभाल करने के लिए घर चली जती हैं। वे अपने खाली समय में अच्छी नर्तकी हुआ करती थीं; अब वे एक अन्य विद्यालय में सप्ताह में एक बार निजी रूप से नृत्य की शिक्षा प्रदान करती हैं। एक वर्ष उन्होंने अंतिम वर्ष के छात्रों के साथ एक नृत्य प्रदर्शन का आयोजन किया था, लेकिन अब उन्हें वह काम अकेले करना बहुत भारी लगता है।

गतिविधि 2: व्यावसायिक विकास के बारे में वार्तालाप की योजना बनाना (सी.पी.डी)

विचार करें कि एक विद्यालय प्रमुख के रूप में आप सीपीडी की अवधारणा का परिचय देने के लिए श्रीमती गुप्ता के साथ वार्तालाप कैसे करेंगे। स्पष्ट है कि आप श्रीमती गुप्ता को नहीं जानते, लेकिन हो सकता है आप उन जैसे अन्य शिक्षकों को जानते हों। उनसे उनकी समता कि वे शिक्षक के रूप में कैसे विकास कर हो सकती हैं इस बारे में उनसे बात करने की कल्पना करें। अपनी वार्तालाप डायरी में नोट्स बनाएं।

  1. उनकी विकास की जरूरतों के बारे में आप चर्चा कैसे शुरू करेंगे?
  2. आप उनकी किन क्षमताओं, और कमज़ोरियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे?
  3. आपके विचार से उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी?
  4. सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए आप क्या कदम उठाएंगे?

संसाधन 1 में दिए गए टेम्प्लेट को देखें। सोचें कि इसका उपयोग श्रीमती गुप्ता के संदर्भ में कैसे किया जा सकता है। किस प्रकार के मुद्दे और अवधारणाएं उत्पन्न हो सकती हैं और अपनी टिप्पणियों को आप किन खंडों में दर्ज करेंगे?

आपके लिए संसाधन 2, ‘कथावाचन, गीत, रोल प्ले और नाटक भी उपयोगी हो सकता है जो उन वैकल्पिक पद्धतियों से संबंधित है जिनका उपयोग पढ़ाने में किया जा सकता है – श्रीमती गुप्ता स्पष्ट रूप से बहुत रचनात्मक व्यक्ति हैं और यदि उनकी इस रचनात्मकता का उपयोग अधिक पाठों में किया जा सके तो छात्रों को इससे बहुत लाभ हो सकता है। ये मुक्त शैक्षिक संसाधन (ओईआर) से संलग्न मुख्य संसाधन अलग अलग विषयों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं और पीएलडी के बारे में चर्चाओं के लिए उपयोगी साधन बन सकते हैं। आप इन नोट्स पर अगली गतिविधि में लौटेंगे, जब पीएलडी गतिविधियों के नियोजन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

Discussion

चर्चा

हो सकता है कि आपके विद्यालय की संस्कृति ही ऐसी है कि जिससे आपके पास पहले से ही नियमित व्यावसायिक समीक्षाएं या मूल्यांकन होते रहते हैं जिनमें आप स्टाफ के साथ व्यक्तिगत रूप से उनकी व्यावसायिक परिपाटी पर चर्चा करते हैं और उनकी भावी व्यावसायिक विकास के लिए लक्ष्य की पहचान कर सकते हैं। इसलिए संभव है कि आपके शिक्षक इस प्रकार के वार्तालाप के अभ्यस्त होंगे। तथापि, इस बात की बड़ी संभावना है कि शायद आप इस प्रकार का वार्तालाप पहली बार कर रहे हैं।

आपके शिक्षकों के व्यावसायिक जीवन को बेहतर समझने के लिए हर शिक्षक के साथ बैठक की योजना बनाना बहुत उपयोगी होगा जिसमें आप उनकी अधिगम जरूरतों, हितों और अपेक्षाओं पर चर्चा कर सकें। यह वार्तालाप व्यावसायिक लेकिन अनाक्रामक ढंग से संचालित करना चाहिए, ताकि एक उपयोगी चर्चा संभव हो जो आपके शिक्षकों के व्यावसायिक जीवन के बारे में जानने में आपकी मदद करे। हो सकता है श्रीमती गुप्ता जैसे व्यक्ति को वार्तालाप में संलग्न करने के लिए मनाने और आश्वासित करने की जरूरत पड़े, लेकिन आप ऐसी शक्तियों की पहचान कर सकते हैं जो बातचीत का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। ये प्रारंभिक वार्तालाप और रिकार्ड विकास की गतिविधियों के लिए भविष्य में सहायता और नियोजन का आधार बन सकते हैं: वे उन जारी रहने वाले वार्तालापों की शुरूआत हैं जिनका मकसद, आदर्श रूप से, शिक्षकों को स्वयं अपने विकास का दायित्व लेने के लिए प्रेरित करना है।

इन वार्तालापों को आपके द्वारा किए गए पाठों के प्रेक्षणों, या आपके द्वारा की गई किसी भी अन्य अवलोकन प्रक्रिया के साथ जोड़ा जा सकता है।

समय के साथ, विद्यालय पीएलडी चक्र के नियमित भाग के रूप में समकक्ष प्रेक्षण और पाठ समीक्षा आरंभ कर सकता है, जिसमें सहकर्मी उस प्रमाण में योगदान देते हैं जिसका उपयोग मूल्यांकन से संबंधित वार्तालापों में किया जाता है।

1 शिक्षक विकास पर परिदृश्य

3 शिक्षकों के पीएलडी के मॉडल