2 कक्षा में उपयोग के लिए साहित्य का चयन

आगामी केस स्टडी में, एक शिक्षिका पुस्तक मेले में जाती है और सोचती है कि वहाँ उपलब्ध सामग्री को अपनी कक्षा में भाषा तथा साक्षरता शिक्षण में किस प्रकार शामिल करें।

केस स्टडी 1: श्रीमती अपराजिता अपने छात्रों के साथ भारतीय बाल साहित्य की तलाश करती हैं

श्रीमती अपराजिता कानपुर में छठी कक्षा की शिक्षिका हैं।

मैं अपनी कक्षा में नई क़िताबें लाना चाहती थी। मुझे क़िताबें ख़रीदने के लिए अपने शीर्ष शिक्षक, मिस्टर गोम्स से अनुमति लेनी पड़ी, जो सहमत हो गए कि मैं स्कूल बजट का एक अंश पुस्तकों पर खर्च करूँ, जो पूरे स्कूल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

मैं रोचक पुस्तकों की खोज में कोलकाता पुस्तक मेले में गई। मैं बच्चों के लिए कॉमिक्स से लेकर लंबे उपन्यासों तक, बेची जाने वाली पठन सामग्री के विशाल रेजं को देख कर पूरी तरह अभिभतू हो गई। कुछ सामग्री विदेशों से थी। मुझे ग्रिम्स फ़ेयरी टेल्स की विभिन्न प्रतियों के बीच भारतीय कहानियों को वाक़ई खोजना पड़ा। मुझे लगता है कि बड़े पुस्तक प्रकाशक उन माता-पिता को लक्षित कर रहे थे, जिनके बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हैं। आख़िरकार सरस्वती प्रेस की दुकान पर मुझे अपनी कक्षाओं के लिए उपयुक्त रोचक बाल साहित्य मिला।

मैंने अपने छात्रों के आनंद के लिए क़िताबें सस्वर पढ़ना शुरू किया। बाद में, जब वे कहानियों से परिचित हो गए, तब मैंने पाठ पर आधारित साक्षरता विकास गतिविधियों की योजना बनाने की शुरुआत की। जब कोई कहानी या कविता उच्च गुणवत्ता की हो, तो उसके इर्द-गिर्द गतिविधियों की योजना बनाना बेहद आसान है।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आप श्रीमती अपराजिता से सहमत है कि हिन्दी में अच्छा बाल साहित्य खोजना सदा उतना आसान नहीं है?
  • आपके स्कूल में क़िताबें ख़रीदने के लिए किस प्रकार के वित्त पोषण अवसर मौजूद हैं? आप इन निधियों का किस प्रकार उत्तम उपयोग कर सकते हैं?

अगली गतिविधि में, आप उच्च गुणवत्ता वाले बाल साहित्य की विशेषताओं पर गंभीरता से विचार करेंगे।

गतिविधि 3: बाल साहित्य का मूल्यांकन

बाल साहित्य का रेजं विशाल है। अब आप दो उदाहरणों पर ग़ौर करेगें: क़िताब ‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ (एन्युअल हेयरकट डे) (संसाधन 1) और कहानी ‘युवती जिसने साँप से शादी की’ (संसाधन 2).

दोनों पाठ अपने आप को या किसी सहकर्मी को ज़ोर से पढ़ कर सुनाएँ। जब आप पढ़ रहे हों, तब निम्न प्रश्नों के बारे में ध्यान से सोचे:

  • दोनों कहानियों के बीच अंतर क्या हैं?
  • क्या आप किसी एक को दूसरे की तुलना में बेहतर मानते हैं?
  • प्रत्येक पाठ की सकारात्मक विशेषताओं के बारे में आप क्या सोचते हैं?

फिर से ‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ को देखें और निम्न प्रश्नों का उत्तर दें:

  • कहानी क्यों ‘कई साल पहल…’ या ‘एक समय की बात है …’ जैसे शब्दों के साथ शुरू नहीं होती, जैसा कि कई कहानियों में होता है?
  • क्या आपके विचार में चित्र ज़रूरी हैं? क्यों या क्यों नहीं?
  • आपके विचार में आपके छात्रों को कहानी के मामले में क्या पसंद आएगा?

दूसरों के विचारों के साथ अपने विचारों की तुलना करें।

बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ एक छोटी, जीवंत चित्र-पुस्तिका है। चित्रों में ऐसे लोगों और स्थानों को दिखाया गया है, जो समकालीन और परिचित हैं। उनमें से कई में, जैसे कि नाई की दुकान और व्यस्त घर, मनोरंजक विवरण शामिल हैं जो देखने तथा चर्चा के लिए दिलचस्प लगते हैं।

जहाँ पाठ सरल और दोहराव वाला है, वह बख़ूबी जटिल भाषा की संरचना करता है:

उदास महसूस करते हुए, माधव कुमार घर वापस चला…

थोड़ा नाराज़ महसूस करते हुए, माधव कुमार अपने दोस्त दर्जी के पास गया…

अब थोड़ा चिंतित होते हुए, माधव कुमार एक और दोस्त बढ़ई के पास गया…

आँखें में आँसू भरे, वह अकेला ही…।

बाल कटवाने का वार्षिक दिवसजैसी पुस्तकें विशेष रूप से नए पाठकों को स्वतंत्र रूप से पढ़ना सीखने में मदद करने के लिए बनाई गई हैं। इनमें ध्यानपूर्वक चयनित परिचित शब्द और वाक्यांश शामिल हैं। छात्र पाठ का अर्थ समझने के लिए ‘सुराग़’ के रूप में चित्रों का उपयोग कर सकते हैं।

जब छात्र इस तरह की कहानियाँ सुनते या पढ़ते हैं, तो वे अन्य पुस्तकों में उन्हीं शब्दों और वाक्यांशों को पहचानना शुरू कर देते हैं और अपने स्वयं की बातचीत और लेखन में इस ज्ञान को लागू करने लगते हैं।

इस तरह की कहानियाँ छोटे बच्चों को बोलने और सुनने के लिए भी प्रोत्साहित करने के लिए उपयोगी होती हैं, तब वे तस्वीरों और कहानी में घटित होने वाले प्रसंगों से संबंधित में सवालों का जवाब देने लगते हैं।

इस तरह की कहानियाँ बच्चों के अनुकूल हैं क्योंकि वे एक ऐसी दुनिया पेश करती हैं, जिसे कम आयु के पाठक पहचान सकते हैं। इस प्रकार की कहानियाँ सुनने और पढ़ने की संतुष्टि दूसरी क़िताबों में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाएगी।

इस तरह की कहानियों को सुनने या पढ़ने के बाद, छात्रों से अपेक्षा की जी सकती है–

  • कहानी का विस्तार (उदाहरण के लिए, नए पात्र या पशुओं को जोडत़े हुए)
  • • भिन्न रूप से समापन (शायद माधव कुमार को उसके बाल झड़ने के बाद विग पहनना पड़ा, क्योंकि अब उसकी खोपड़ी ठंडी थी!)
  • अभिनय करें
  • कहानी के उनके अपने संस्करण कहें या लिखें
  • एक ऐसी ही कहानी तैयार करें (उदाहरण के लिए, एक मगरमच्छ, जिसका ‘वार्षिक दंतमंजन दिवस’ था, जिसमें ‘आज मेरे पास इतने सारे दांत ब्रश करने के लिए समय नहीं है!’ वाक्यांश का बार-बार उपयोग करते हुए)।

अब संसाधन 2 पढ़ें, ‘युवती, जिसने साँप से शादी की’ पढ़ें।

  • यह कहानी ‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ से किस प्रकार अलग है?
  • आपके विचार में इस कहानी में चित्र क्यों आवश्यक नहीं हैं?
  • क्या आप स्मृति से अपने छात्रों को यह कहानी फिर से सुना सकते हैं?
  • क्या कहानी में ऐसे स्थल है, जहाँ आप कठिन शब्दों को आसान शब्दों से प्रतिस्थापित करना चाहेंगे?,
  • क्या कहानी को गाने, मारधाड़, संवाद या अतिरिक्त पात्रों के साथ विस्तृत किया या सुधारा जा सकता है?
  • क्या आपके विचार में इस कहानी के अभिनय में आपके छात्रों को मज़ा आएगा?

‘युवती, जिसने साँप से शादी की’ पंचतंत्र की एक पारंपरिक कहानी है, जिसकी शुरुआत सभी पारंपरिक कहानियों के परिचय की भाँति ‘एक समय की बात है…’ वाक्यांश से होता है - और जो कि यह संकेत है कि कहानी शुरू होने वाली है। यह रूप बदलने की एक जादुई कहानी है। यह किसी विशेष समय या स्थान में प्रतिस्थापित नहीं किया गया है, लेकिन यह हमारे समकालीन दुनिया की तरह भी प्रतीत नहीं होता है।

यह काफ़ी गहन, भावनात्मक कहानी है। यह थोड़ा अजीब और परेशान करने वाला महसूस हो सकता है।

‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ से भिन्न, इस कहानी का लेखन सरल नहीं है, और न ही संवाद रोज़मर्रा की भाषा में है।

जब छात्र इस कहानी को सुनते हैं, तो वे ऐसे जटिल वाक्य और शब्दावली का सामना करते हैं, जिसे वे स्वयं नहीं पढ़ पाते। वे एक पारंपरिक कहानी के माध्यम से भाषा के बारे में जानते हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है।

उसे सुनने के बाद, छात्र निम्न कार्य कर सकते हैं:

  • कहानी को पुनः सुनाना
  • कहानी के अपने संस्करण बनाना
  • कहानी अभिनीत करना
  • पात्रों के बीच संवाद को सुधारना
  • दृश्यों को चित्रित करना या रंग भरना
  • एक ‘पूर्व कड़ी’ तैयार करना (वह अभिशाप क्या था जिसने बेटे को साँप बना दिया?)
  • कहानी विस्तृत करना (युवती और बेटे का आगे क्या होता है? क्या उनके बच्चे साँप होते हैं?)
  • स्कूल या समुदाय के लिए कहानी का अभिनय करें।

विचार के लिए रुकें

  • इन दो कहानियों से संबंधित प्रश्नों को पढ़ने और उस पर विचार करने के बाद, क्या आप भाषा शिक्षण और साक्षरता के लिए प्रत्येक कहानी के लाभ देख सकते हैं?

कोई कहानी स्कूल की पाठ्यपुस्तक से नहीं है। दोनों दिलचस्प स्थितियाँ और भाषा को प्रदान करती है जिस पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। दोनों पाठों को विस्तृत और अनुकूलित करके भाषा और साक्षरता गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

संसाधन 3 इस विषय में मार्गदर्शन देता है कि बच्चों के लिए उपयोगी साहित्य का चयन करते समय क्या देखना चाहिए। अब संसाधन 3 पढ़े और अपनी कक्षा में साहित्य संसाधनों के बारे में विचार करें।

1 आपके बाल साहित्य ज्ञान का परीक्षण और विस्तार

3 कक्षा में कविताएँ और कहानियों का उपयोग