1 भाषा, साक्षरता और नागरिकता के बारे में सोचना

गतिविधि 1: भाषा साक्षरता और नागरिकता के बारे में सोचना

किसी सहकर्मी के साथ, संसाधन 1 पढ़ें। संभव है आप पहले से ही इस दस्तावेज से परिचित हों। जब आप इसे एक बार पढ़ लें, उसे दुबारा पढ़ें, और निम्नलिखित प्रश्नों के लिए अपने उत्तर हेतु नोट्स तैयार करें:

  • एक अच्छा नागरिक किस प्रकार का व्यवहार करेगा?
  • किस प्रकार में स्कूल अपने छात्रों को अच्छा नागरिक बनने की सीख देने में मदद कर सकते हैं?
  • छात्रों को अच्छा नागरिक बनने में किस प्रकार की भाषा या साक्षरता कौशल सहायक हैं?

अपने सहकर्मियों के साथ अपने विचारों पर चर्चा करें।

अब अपने विचारों की हमारे विचारों से तुलना करें।

अच्छे नागरिक:

  • एक बेहतर समुदाय और दुनिया को योगदान देने के लिए अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करते हैं
  • अपनी चिंताओं को उजागर करने और समाधान प्रस्तावित करने के लिए तैयार रहते हैं

  • विचारशील, समावेशी और दूसरों का ध्यान रखने वाले होते हैं
  • अपने विश्वास के अनुसार कार्य करते हैं।

स्कूली छात्रों को निम्न के लिए अवसर प्रदान करके उन्हें अच्छा नागरिक बनने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

  • कठिन मुद्दों को समझने और विश्लेषित करने की सीख
  • ऐसे समाधानों की प्रस्तुति जो निष्पक्ष और नैतिक हों
  • दूसरों को सुनना
  • अपने विश्वास और चिंताओं को सम्मानपूर्वक उजागर करना
  • व्यक्तियों के विविध समूहों के साथ सकारात्मक रूप से बातचीत करना।

भाषा और साक्षरता कौशल निम्न में उन्हें सक्षम करके अच्छा नागरिक बनने में छात्रों की मदद कर सकते हैं:

  • जानकारी को पढ़ना, समझना, विश्लेषित करना और उसकी व्याख्या करना – चाहे वह छवि, भाषण या लेखन स्वरूप में क्यों न हों

  • राय से तथ्यों को अलग करना
  • प्रमाण को एकत्रित करना और उनका मूल्यांकन करना
  • स्पष्ट करना, संक्षेप में प्रस्तुत करना और पूर्वानुमान लगाना
  • विषयों पर चर्चा करना, दूसरों के विचार सुनना और अपने स्वयं के दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करना
  • ऐसे सवाल करना, जो ठोस जवाब प्रकाश में लाए
  • दूसरों को उचित तरीक़े से राज़ी करना
  • पोस्टर बनाना, पत्र लिखना और याचिकाएँ तैयार करना
  • छवि, भाषण और लेखन के माध्यम से विभिन्न दर्शकों को जानकारी प्रस्तुत करना।

हालांकि कई नागरिकता संबंधी विषय गंभीर मुद्दों से जुड़े हैं, तथापि उन्हें सुखद, आकर्षक तरीक़ों से तलाशने की संभावना मौजूद है।

अब आप एक ऐसी शिक्षिका के बारे में पढ़ेंगे जिसने अपनी कक्षा के साथ ग्रामीण समुदाय पर एक परियोजना शुरू की। जब आप इस केस स्टडी को पढ़ेंगे, तब उन भाषा और साक्षरता कौशल पर विचार करें, जो उनके छात्रों में विकसित हो रहे थे और नागरिकता के वे पहलू, जिनके बारे में वे सीख रहे थे।

केस स्टडी 1: हमारा ग्रामीण समुदाय

सुश्री रक्षा उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण स्कूल में पढ़ाती हैं। यहाँ वे उन पाठों की पहली श्रंखला का वर्णन करती हैं, जो ‘समुदाय’ की अवधारणा पर कक्षा परियोजना का हिस्सा बना, जिसे उन्होंने अपनी छठी कक्षा के छात्रों के लिए संचालित किया।

पाठ 1: हमारे ग्रामीण समुदाय के बारे में विचार करना

मैंने ग्रामीण समुदाय को गठित करने वाले स्थानों और लोगों के बारे में विचार करने के लिए अपने छात्रों को कहते हुए परियोजना की शुरुआत की। उनकी मदद के लिए, मैंने सरपंच श्री राजेश्री, और दर्जिन श्रीमती सुषमा सहित, मंदिर और स्कूल जैसे एक या दो उदाहरण प्रदान किए।

फिर मैंने अपने छात्रों को उनके विचार साझा करने के लिए चार के समूहों में व्यवस्थित किया। 15 मिनट बाद, मैं कक्षा में चारों ओर घूमी, और प्रत्येक छात्र से सुझाव माँगा। मैंने उनके योगदान को ब्लैक-बोर्ड पर लिखा, और हमने विचार-विमर्श किया कि क्या स्थानों और लोगों को दो अलग कॉलम में सूचीबद्ध करना बेहतर होगा या उन दोनों को एक साथ जोड़ना।

फिर मैंने पत्थर, छड़ियाँ, पत्ते, बीज या उनकी इच्छानुसार इन विशषताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले किन्हीं अन्य चीज़ों का उपयोग करते हुए, स्कूल के आँगन में ज़मीन पर सामुदायिक नक्शा तैयार करने के लिए कहा।

जब उन्होंने अपना काम ख़त्म किया, तो प्रत्येक समूह ने बाक़ी कक्षा के सामने उनके द्वारा सम्मिलित स्थानों का वर्णन करते हुए – जैसे कि धार्मिक स्थल, बाज़ार, दुकानें, खेत, घर और जल स्रोत – और उनसे जुड़े कुछ लोगों के बारे में चर्चा करते हुए अपना नक्शा प्रस्तुत किया। यह बेहद दिलचस्प था, और नक्शे और वर्णनों में काफ़ी विविधता थी। मैंने प्रोजेक्ट के अंश के रिकॉर्ड के रूप में, अपने मोबाइल से प्रत्येक नक्शे का फ़ोटो लिया।

(मेलोन, 2010 से रूपांतरित)
चित्र 1 सामुदायिक नक्शे का एक उदाहरण।

पाठ 2: समुदाय में मिल-जुल कर रहना

अगले सप्ताह मैंने समझाया कि अब हम समुदाय में रहने के अर्थ पर विचार करेंगे। कई सहपाठियों के साथ काम करने और सीखने के लिए अपने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए, मैंने उनको ऐसे लोगों से अलग समूहों में बाँटा, जिनके साथ उन्होंने पहले काम किया था।

मैंने प्रत्येक समूह को एक बड़ा काग़ज़ दिया, जिस पर मैंने एक प्रश्न लिखा था। ये रहे प्रश्न जो मैंने उन्हें दिए:

  1. हमारे समुदाय में बच्चे मिल-जुल कर किस प्रकार के काम करते हैं?
  2. हमारे समुदाय में महिलाएँ मिल-जुल कर किस प्रकार के काम करती हैं?
  3. हमारे समुदाय में पुरुष मिल-जुल कर किस प्रकार के काम करते हैं?
  4. किस प्रकार के कामों में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे एक साथ शामिल रहते हैं?
  5. हमारे समुदाय में अगर कोई बीमार पड़ जाए, तो लोग किस प्रकार उसकी मदद करते हैं?
  6. जब हमारे समुदाय में कोई व्यक्ति मर जाता है तो लोग क्या करते हैं?

मैंने प्रत्येक समूह के सदस्यों से उन्हें आबंटित प्रश्न पर 20 मिनटों के लिए अपने विचारों को चित्र के साथ नोट्स सहित दर्शाते हुए चर्चा करने को कहा।

जब समूहों ने कार्य समाप्त किया, तो मैंने उनके चित्रों को दीवार पर सजाया। फिर मैंने उनके समूह से किसी एक को बाक़ी कक्षा के साथ अपने विचार साझा करने के लिए नामांकित करने को कहा। इससे बेहद रोचक चर्चा चली, जिसमें हमने एक बड़े समुदाय के भीतर उप-समुदाय की धारणा पर विचार किया और ऐसे उप-समुदायों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के स्वरूपों का पता लगाया।

पाठ 3: सामुदायिक जीवन के लाभ और हानियाँ

मैंने अपने छात्रों को निम्नलिखित प्रश्नों को कॉपी करने और अपने गृह-कार्य के लिए उनके उत्तर पर नोट्स तैयार करने को कहा।

  • समुदाय में रहने के क्या लाभ हैं?
  • इससे क्या हानि हो सकती है?
  • समुदाय में अलग-थलग महसूस करने वाले लोगों को अधिक एकीकृत करने में किस प्रकार मदद की जा सकती है?

अगले दिन, मैंने अपने छात्रों की जोड़ियाँ बनाई और उनसे एक दूसरे के साथ अपने गृह-कार्य पर चर्चा करने को कहा। इसके बाद पूरी कक्षा के साथ विचार-विमर्श किया जिसमें मैंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि जिन लोगों ने पहले योगदान नहीं दिया था उन्हें बोलने का मौक़ा मिले।

चित्र 2 कक्षा में जोड़ियों में कार्य।

पाठ 4: सामुदायिक सरकार

हमने यह पाठ गाँव के उन सभी लोगों को सूचीबद्ध करते हुए शुरू किया, जो जिम्मेदार पदों पर नियुक्त थे और उनकी जिम्मेदारियाँ क्या हैं, इस पर विचार किया। मेरे छात्रों ने मेरे जैसे शिक्षकों सहित, विभिन्न भूमिकाओं वाले कई भिन्न लोगों का नाम लिया।

ब्लैक-बोर्ड पर स्वयं उनके विचार न लिखकर, मैंने दो को स्वेच्छा से बारी-बारी से लिखने के लिए आमंत्रित किया। वे इस काम को करने में बेहद गर्व महसूस कर रहे थे और इस प्रक्रिया में उन्होंने अपनी बेहतरीन लिखावट का उपयोग किया। यदि उनकी वर्तनी में त्रुटियाँ थीं, तो उनके सहपाठियों ने सुधार सुझाया।

फिर मैंने कक्षा को जोड़ियों में विभाजित किया और उन्हें दो और प्रश्नों पर विचार करने के लिए 15 मिनट दिए:

  • हमारे समुदाय में लोग सहयोग करते हैं, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है?

  • जब लोग किसी विषय पर असहमत होते हैं तो क्या होता है? उनके विवादों को निपटाने में कौन मदद करता है?

इसके बाद पूरी कक्षा में जो चर्चा चली, उसमें हमने समुदाय के हितों की देखरेख करने वाली प्रणाली के रूप में स्थानीय सरकार की अवधारणा के बारे में बात की और उन प्रक्रियाओं सहित, हमारे गाँव में इसके काम करने के तरीक़े की जाँच की, जिसमें समुदाय के सदस्य इस प्रकार की जिम्मेदारियों को उठाते हैं।

अंत में, मैंने अपने छात्रों को इस बात पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया कि समुदाय में अधिक सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए वे क्या कर सकते हैं। मैंने उनमें से प्रत्येक को एक काग़ज़ का टुकड़ा दिया जिस पर उनमें से प्रत्येक ने एक वाक्य लिखा, जिसे वे चाहें तो सचित्र व्यक्त कर सकते थे। फिर मैंने वाक्यों को दीवार पर प्रदर्शित किया ताकि हर कोई देख सके

शुरुआत में मैं थोड़ा नर्वस थी कि क्या मेरे छात्र अपने स्थानीय समुदाय पर प्रोजेक्ट में रुचि लेंगे। वैसे मुझे फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं थी। विषय से कई रोचक, विचारशील योगदान सामने आए, उनमें से कुछ ऐसे छात्रों से थे जो आम तौर पर काफ़ी शांत रहते थे। मुझे भी चारों पाठों में विभिन्न जोड़ियों तथा समूहों में नज़र आने वाले सहयोग और सम्मान के स्तर को देख कर ख़ुशी हुई।

विचार के लिए रुकें

ऊपर वर्णित प्रत्येक पाठ के लिए, निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करें:

  • सुश्री रक्षी के छात्रों ने किस प्रकार की भाषा और साक्षरता कौशल का उपयोग किया?

  • उनके छात्र नागरिकता के किन पहलुओं को सीख रहे थे?
  • क्या पाठों की विषयवस्तु के बारे में आपको किसी चीज़ ने आश्चर्यचकित किया?
  • क्या कोई ऐसे विचार हैं जिन्हें आप अपने स्वयं की कक्षा में आज़माना चाहेंगे?

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

2 नागरिकता प्रोजेक्ट की योजना तैयार करना