2 अपनी कक्षा की निगरानी करना

गतिविधि 2: निगरानी करना और फीडबैक देना

संसाधन 1, ‘निगरानी करना और फीडबैक देना’ पढ़ें। जब आप दस्तावेज़ को पढ़ते हैं, तो पढ़ने के साथ ही जो विचार आप पहले से ही क्रियान्वित कर रहे हैं, जो विचार आपको आकर्षित करते हैं तथा और आप जिन्हें आसानी से लागू कर सकते हैं उस पर टिप्पणी लिखें साथ ही यदि आपके मन में कोई प्रश्न हैं, तो उन्हें दर्ज करें। यदि संभव हो, तो किसी सहकर्मी के साथ मिलकर यह काम करें और अपनी टिप्पणियों की तुलना करें।

वीडियो: निगरानी करना और फीडबैक देना

अगली दो गतिविधियाँ - जो अलग अलग दिनों पर की जानी चाहिए - आपको उद्देश्यपूर्ण रूप से आमंत्रित करती हैं कि जब आपके विद्यार्थी अपना काम कर रहे हों, तब आप उनकी निगरानी करें।

गतिविधि 3: पूरी कक्षा की निगरानी करना

चित्र 1 पूरी कक्षा की निगरानी करना।

अपने विद्यार्थियों को लगभग 15 मिनट तक स्वतंत्रतापूर्वक एवं शान्ति से बैठकर करने के लिए कोई कक्षा कार्य दें। एक संक्षिप्त पाठ्यपुस्तक-आधारित पठन या लेखन गतिविधि इसके लिए आदर्श रहेगी। जब आपके विद्यार्थी अपना काम कर रहे हों, तो पीछे खड़े रहकर उनका अवलोकन करें। निम्नांकित प्रश्नों पर विचार करें:

  • आपके विद्यार्थी किस तरह के काम कर रहे थे?
  • क्या उनमें से कोई इस बारे में अनिश्चित लग रहे थे कि उन्हें क्या करना है? आपको कैसे पता चला?
  • क्या आपके विद्यार्थियों के काम करने की गति अलग अलग है? आप कैसे बता सकते हैं?
  • अपना काम जल्दी पूरा कर लेने वाले विद्यार्थी उसके बाद क्या कर सकते हैं?
  • क्या आपको ऐसा लगता है कि कुछ विद्यार्थी अपना काम दिए गए समय में पूरा नहीं कर सकेंगे? उनकी किस प्रकार सहायता की जा सकती है?
  • आपने अपने विद्यार्थियों के लिए जो काम निर्धारित किए हैं, उनसे आप विद्यार्थियों के सीखने का मूल्यांकन कैसे करेंगे?

गतिविधि 4: समूहों की निगरानी करना

चित्र 2 समूहों की निगरानी करना।

अपनी कक्षा को पाँच या छः लोगों के समूहों में बाँटें और उनसे बातचीत-आधारित एक संक्षिप्त कार्य करने को कहें। इसमें किसी चित्र के आधार पर एक कहानी बनाना या किसी समस्या अथवा विवादास्पद प्रश्न का उत्तर देना शामिल हो सकता है। समूह चर्चा 15 मिनट से ज्यादा समय की नहीं होनी चाहिए। अपने विद्यार्थियों को याद दिलाएँ कि उन्हें किस तरह एक-दूसरे के साथ विनम्रतापूर्वक, बारी-बारी से और एक-दूसरे की बात सुनते हुए काम करना है।

कक्षा का चक्कर लगाएँ और अपने विद्यार्थियों का अवलोकन करें व उनकी बातें सुनें।

निम्नांकित प्रश्नों पर विचार करें:

  • आपके विद्यार्थी किस तरह के काम कर रहे थे?
  • क्या वे आपके निर्देशों को समझते हैं? आप किस तरह बता सकते हैं?
  • उन्होंने इस कार्य के लिए खुद को कैसे व्यवस्थित किया है?
  • क्या उन्हें अतिरिक्त सहायता की ज़रुरत है? यदि हाँ, तो किस तरह की सहायता?
  • क्या कोई विद्यार्थी चुपचाप हैं?
  • क्या कोई विद्यार्थी विशेष रूप से आत्मविश्वासी हैं?
  • आप कार्य में अपने विद्यार्थियों की सहभागिता और इससे उनके सीखने का मूल्यांकन किस तरह करेंगे?

विचार के लिए रुकें

गतिविधियां 3 और 4 आपको आमंत्रित करती हैं कि जब आपके विद्यार्थी अकेले या समूह में भाषा- और साक्षरता-आधारित कार्य करते हैं, तब आप उनका अवलोकन और निगरानी करें।

  • इन दो अवलोकन कार्यों की तुलना किस प्रकार की जा सकती है?
  • अकेले में और समूह में आपके विद्यार्थियों का अवलोकन करना कितना सरल था?
  • ऐसा करके आपने क्या सीखा?
  • आप इस जानकारी को कैसे दर्ज कर सकते हैं?

ध्यानपूर्वक निगरानी करना एक प्रभावी शिक्षक का मुख्य गुण है, क्योंकि इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि उनके द्वारा निर्धारित कार्यों से उनके विद्यार्थियों को किस हद तक सीखने में लाभ हो रहा है।

चाहे ऐसी निगरानी में पूरी कक्षा शामिल हो, छोटे समूह शामिल हों या अकेले विद्यार्थी शामिल हों, लेकिन निम्नलिखित प्रश्न शिक्षक के मन में सबसे पहले आना चाहिए: मेरे विद्यार्थी इस पाठ को किस तरह अनुभव कर रहे हैं और समझ रहे हैं?

1 निगरानी, आकलन और फीडबैक के बारे में दृष्टिकोण और अभ्यास

3 विद्यार्थियों के आकलन और फीडबैक के अलग अलग तरीके