1 छात्रों को पढ़ने के लिए तैयार करना

कई अध्यापक नए पाठ को पढ़ाते समय अनुवाद का उपयोग करते हैं, क्योंकि इससे छात्रों को अलग–अलग शब्दों को समझने में मदद मिल सकती है। तथापि, हर समय अनुवादों का उपयोग करने से कुछ हानियाँ होती हैं:

  • यदि आप हमेशा अनुवाद और स्पष्टीकरण का उपयोग करते हैं, तो छात्र उतनी अंग्रेजी नहीं सुनते हैं जितनी उन्हें सुननी चाहिए। आपके छात्र कक्षा में जितनी अधिक अंग्रेजी सुनेंगे, वे उसे उतना ही बेहतर समझ कर उसका उपयोग कर सकेंगे (देखें इकाई अपनी कक्षा में अधिक अंग्रेजी का उपयोग करना)।

  • अधिकांश भाषाओं में कई शब्दों और वाक्यांशों के सीधे अनुवाद अक्सर उपलब्ध नहीं होते हैं। यदि छात्र अंग्रेजी का उपयोग करके अंग्रेजी सीखते हैं, तो उनके अंग्रेजी में सोचने और भाषा को अधिक प्रभावी ढंग से अनुभव करने और उसका उपयोग करने की अधिक संभावना होगी।

  • अनुवाद और स्पष्टीकरण अपने पाठों के अर्थों को स्वयं मालूम करने में छात्रों की मदद नहीं करते हैं (देखें इकाई ‘शब्दावली पढ़ाने के लिए कार्यनीतियाँ’ ) यदि उनके लिए हर शब्द का अनुवाद किया जाय, तो उन्हें कक्षा के बाहर या भविष्य में अंग्रेजी पढ़ने की जरूरत पड़ने पर कठिनाई हो सकती है।

विचार के लिए रुकें

आपने अपने छात्रों को जो पिछला अध्याय पढ़ाया था उसके बारे में सोचें और इन प्रश्नों का उत्तर दें।

  • अध्याय में किस प्रकार की पठन–सामग्री थी? उदाहरण के लिए, क्या वह गद्य, कहानी या कविता थी?

  • क्या आपने छात्रों को वह पठन–सामग्री सस्वर पढ़कर सुनाई थी?
  • आपके छात्रों ने पठन–सामग्री को कितनी अच्छी तरह से समझा?
  • क्या आपने उसका अनुवाद छात्रों की स्थानीय भाषा में किया?
  • क्या आपने उसका अर्थ छात्रों की स्थानीय भाषा में समझाया?

जो कुछ वे पढत़े हैं उसे समझने में आपके छात्रों की सहायता करने के लिए अन्य तकनीकों (कुछ अनुवाद और स्पष्टीकरण के साथ) का उपयोग करना आपके लिए अच्छा है।

छात्रों को अपनी पाठ्यपुस्तकों में कई अध्याय पढ़ने हैं। इनमें से कई पठन–सामग्रियाँ कठिन हैं, और उनमें जटिल शब्दावली और व्याकरण संबंधी संरचनाएं हैं। कभी–कभी पाठ्य वस्तु के शीर्षक या मूल विचार भी कठिन होते हैं, जिनमें बहुत समय पहले हुई ऐसी घटनाओं की चर्चा होती है, जो या तो बहुत समय पहले हो चुकी हैं या वे ऐसे स्थानों में होती हैं जहाँ छात्र न तो कभी गए हैं न ही कभी उन्होंने उसका नाम सुना है।

छात्र पाठ्य वस्तु और पाठ की भाषा को तब बेहतर समझ पाएंगे जब आप उन्हें पढ़ने के लिए तैयार करेंगे। छात्रों के पढ़ना शुरू करने से पहले पाठ के कुछ शब्दों, वाक्यांषों व व्याकरण संबंधी संरचनाओं को पढ़ाकर या पाठ के शीर्षक व मूल विषय पर चर्चा करके आप ऐसा कर सकते हैं।

गतिविधि 1: सत्रहवीं सदी की एक कविता, ’The Perfect Life’ को पढ़ाने के तरीके का नियोजन करना

यह आपके करने की गतिविधि है; यह नियोजन गतिविधि है।

कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक से इस कविता को पढ़ें (English: A Textbook for Class X)। इसका नाम ’The Perfect Life’ है और इसे Ben Jonson ने लिखा था।

It is not growing like a tree
In bulk doth make man better be;
Or standing long an oak, three hundred year,
To fall a log at last, dry, bald, and sere:
A lily of a day
Is fairer far in May,
Although it fall and die that night— 
It was the plant and flower of light.
In small proportions we just beauties see;
And in short measures life may perfect be.

जब आप इसे पढ़ लें, तब इन प्रश्नों का उत्तर दें। हो सके तो अपने किसी सहकर्मी के साथ उन पर चर्चा करें:

  • इस कविता की भाषा कक्षा 10 के छात्रों के लिए काफी कठिन है। इससे पहले कि वे कविता को पढें, आप उन्हें भाषा के लिए कैसे तैयार करेंगे?
  • इस कविता को सत्रहवीं शताब्दी में एक अंग्रेज कवि ने लिखा था। आप इक्कीसवीं सदी के भारतीय छात्रों को कविता के मूल विचार के लिए कैसे तैयार करेंगे?

अब इस कविता को पढ़ाने के ढंग के बारे में कुछ शिक्षकों के विचार पढें, और उनकी तुलना अपने स्वयं के विचारों से करें। आपने जो कोई विचार सोचें हैं उन्हें नीचे दिये हुए स्थान पर लिखें

वे गतिविधियाँ जिनमें आप अपने छात्रों को कुछ पढ़ने से पहले तैयार करते हैं अक्सर पठन – पूर्व गतिविधियाँ कहलाती हैं। पाठ किस बारे में होगा इस विषय में सोचने में वे छात्रों की सहायता करती हैं , जिससे उन्हें पाठ को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद मिलती है।

केस स्टडी 1: सुश्री गुप्ता अपनी कक्षा के साथ एक पठन–पूर्व गतिविधि करती हैं

सुश्री गुप्ता कक्षा 10 को अंग्रेजी पढ़ाती हैं। उन्हें अपने छात्रों को Ben Jonson की कविता The Perfect Life’ पढ़ानी थी। उन्हें पता था कि पाठ कठिन है, और उन्होंने सोचा कि यदि वे अपनी कक्षा को कविता पढ़ने से पहले तैयार करेंगी तो वे उसे बेहतर ढंग से समझेंगे और याद रखेंगे।

कविता पढ़ाने से पहले, मैंने बोर्ड पर उसका शीर्षक लिखाः ‘The Perfect Life’. मैंने अपने छात्रों से शीर्षक का हिंदी में अनुवाद करने को कहकर यह जाँच की कि क्या वे इसका अर्थ समझ सकते हैं। फिर मैंने उनसे पूछाः ‘‘What makes a perfect life?’

शुरू में किसी ने भी कोई सुझाव नहीं दिया, इसलिए मैंने उन्हें एक उदाहरण दियाः ‘The perfect life for me would be to do no cooking!’ छात्र हँसने लगे, और उनमें से एक या दो में सुझाव देने का आत्मविश्वास जागा। इससे अन्य छात्रों को भी विचार आए, और मैंने उनमें से पाँच या छह को बोर्ड पर लिखा।

फिर मैंने हर एक को जोड़ियों में संगठित किया। मैंने हर दूसरी बेंच पर बैठे छात्रों को पीछे घूमने को कहा और अब उनके सामने बैठे सहपाठी के साथ काम करने को कहा मैंने उनसे कहाः

जब मेरे छात्र लिख रहे थे, तब मैंने कक्षा में घूमते हुए सुनिश्चित किया कि वे गतिविधि कर रहे हैं और यदि किसी को कुछ शब्दों के अर्थ नहीं आ रहे थे तो मैने उसकी सहायता की।

कुछ मिनटों के बाद मैंने हर एक से लिखना बंद करने को कहा और बोर्ड पर निम्नलिखित वाक्य लिखाः ‘The perfect life is like a …’

मैंने बोर्ड पर लिखा वाक्य पढ़कर सुनाया, और छात्रों से किसी प्राकृतिक वस्तु का उपयोग करते हुए वाक्य को पूरा करने को कहा, और उन्हें एक उदाहरण दियाः ‘The perfect life is like a hotel.’ This is because you don’t have to cook when you stay at a hotel!

फिर मैंने उन्हें जोड़ी में कार्य करके कुछ विचार देने को कहा और साथ ही साथ उन सुझावों के पीछे छिपे कारणों को भी बताने को कहा। अधिकांश छात्रों के लिए अंग्रेजी में कारण बता पाना कठिन था, इसलिए मैंने जाँच की कि क्या अन्य छात्र सही शब्दों की खोज करने में उनकी मदद कर सकते हैं। यदि वे फिर भी अंग्रेजी में नहीं समझा सकते थे, तो मैंने उनसे उनकी स्थानीय भाषा का उपयोग करने को कहा। मेरे लिए महत्वपूर्ण यह था कि छात्र विषय में रुचि लें, और कविता को पढ़ने के लिए उत्सुक रहें।

इसके बाद, मैंने अपनी कक्षा को बताया कि वे ’‘The Perfect Life’ शीर्षक वाली एक कविता पढ़ने जा रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं कविता को ऊँची आवाज में पढ़कर सुनाने जा रही हूँ, और और उन्हें उसे सुनना चाहिए और अपनी पाठ्य पुस्तकों में उसका अनुसरण करना चाहिए। मैंने समझाया कि कविता में कवि जीवन की तुलना प्राकृतिक वस्तुओं से करता है। मैंने उनसे उनके कविता को पढ़ते और सुनते समय यह नोट करने को कहा कि वे प्राकृतिक वस्तुएं क्या थीं। मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनके पास पाठ को पढ़ने के लिए कोई कारण रहे। मैंने फिर कविता को बिना अनुवाद किए या समझाए, सस्वर पढ़ा ।

फिर मैंने कक्षा से कुछ प्रश्न पूछेः

इस गतिविधि ने कविता को समझने में हर एक की मदद की। इसके बाद, कविता पर चर्चा करना अधिक आसान था, और छात्रों ने कविता को बेहतर तरह से याद भी किया।

गतिविधि 2: कक्षा में आजमाएं – छात्रों को पढ़ने के लिए तैयार करना

इससे पहले कि छात्र कोई पाठ या अन्य अंग्रेजी पठन–सामग्री पढ़ें, उन्हें तैयार करना हमेशा उपयोगी होता है (आप छात्रों को किसी सुनने की गतिविधि के लिए भी इसी तरह से तैयार कर सकते हैं – देखें इकाई अंग्रेजी सुनने में अपने छात्रों की सहायता करना।) निम्नलिखित चरणों का अनुसरण करें:

  1. ऐसा कोई पाठ चुनें जिसे आपके छात्रों ने अब तक नहीं पढ़ा है (शायद पाठ्यपुस्तक का अगला पाठ)। यह किसी भी तरह के पाठ का अंश हो सकता है – गद्य, पद्य, नाटक या अखबार या रिपोर्ट।

  2. कक्षा के सामने, अंश को पढ़ें। कोई पठन–पूर्व गतिविधि नोट करें जिसे आप अपने छात्रों से पाठ को पढ़ने से पहले करवाना चाहते हैं। यहाँ पठन–पूर्व गतिविधियों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
    • शीर्षक को बोर्ड पर लिखें, और छात्रों से अंदाजा लगाने को कहें कि पाठ किस बारे में है
    • उन्हें मुख्य विषय पर चर्चा करने को कहें (उदाहरण के लिए, यदि विषय घरेलू कामकाज के बारे में है, तो आप उनसे इस बात पर चर्चा करने को कह सकते हैं कि घर में कौन क्या करता है)

    • पाठ में से कुछ कठिन शब्द और वाक्यांश पढ़ाएं
    • पाठ में से कुछ शब्दों और वाक्यांशों को बोर्ड पर लिखें और छात्रों से उनका प्रयोग वाक्यों में करने को कहें।
  3. कक्षा में, यह गतिविधि अपने छात्रों के साथ करें। यदि छात्र अपनी स्थानीय भाषा का उपयोग करते हैं, तो वे महत्वपूर्ण शब्द और वाक्यांश खोजने में उनकी सहायता करें जिनकी उन्हें अंग्रेजी में जरूरत पड़ती है। इससे उन्हें पाठ या अंश को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद मिलेगी।

विचार के लिए रुकें

इस गतिविधि को आजमाने के बाद विचार करने के लिए यहॉ कुछ प्रश्न दिए गए हैं। यदि संभव हो, तो इन प्रश्नों की चर्चा किसी सहकर्मी के साथ करें।

  • कक्षा में पठन–पूर्व गतिविधि करने में कितना समय लगा?
  • क्या आपके छात्र गतिविधि में रुचि लेते दिखाई दिए? क्या कोई ऐसे छात्र थे जिन्हें रुचि नहीं थी? आप ऐसा क्यों सोचते हैं?
  • क्या इस पठन–पूर्व गतिविधि ने पाठ को समझने में उनकी मदद की?

आप सोच सकते हैं कि पठन–पूर्व गतिविधियाँ बहुत ज्यादा समय ले लेती हैं, और अध्याय बस शुरू कर देने से समय बचेगा लेकिन इस तरह की गतिविधियाँ अधिक समय लें ऐसा जरूरी नहीं है – पाँच या दस मिनट भी छात्रों को पढ़ने के लिए तैयार करने में मददगार हो सकते हैं।

उम्मीद है कि ये गतिविधियाँ आपके छात्रों की दिलचस्पी को बढ़ाएंगी और अध्यायों को बेहतर ढंग से समझने में उनकी सहायता करेंगी। नोट करें कि कौन से छात्र समझ रहे हैं और कौन नहीं ताकि आप उन लोगों की आगे सहायता कर सकें जिन्हें समझने में अब भी कठिनाई हो रही है। छात्रों के पढ़ने से पहले विभिन्न गतिविधियों को आजमाएं और देखें कि कौन सी अधिक प्रभावी हैं।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

2 पाठ को पढ़ते समय उसे समझने में छात्रों की मदद करना