4 तकनीकों का संयोजन करना

अब केस स्टडी 2 पढें।

केस स्टडी 2: श्रीमती गुप्ता ‘भारत के नाम नेहरू के पत्र‘ पर एक विचार मंथन सत्र संचालित कर रही हैं

श्रीमती गुप्ता ने इस इकाई की तकनीकों का उपयोग कक्षा 9 को एक अंश पढ़ाने के लिए किया। उन्होंने कक्षा को पठनपूर्व गतिविधि के लिए तैयार किया और फिर छात्रों के पठन को पूरा कर लेने के बाद अंश के विषय से संबंधित भाषा का अभ्यास करने के लिए कुछ गतिविधियाँ कीं।

पिछले सप्ताह, मैं नेहरूजी द्वारा लिखित ‘A letter to the children of India’ पाठ कक्षा 9 को पढ़ा रही थी [संसाधन 1 देखें]। मेरे छात्रों द्वारा पाठ को पढ़ने से पहले, मैंने बोर्ड पर शीर्षक लिखा, और समझाया कि पत्र किस बारे में है। मैंने उन्हें बताया कि वह एक वृद्ध आदमी द्वारा लिखा गया था जो युवा पीढ़ी को कुछ सलाह दे रहे थे।

मैंने अपने छात्रों से कुछ ऐसे सुझाव सोचने के लिए कहा जो वे भारत के बच्चों को देंगे। एक–दो छात्रों ने कुछ सुझाव दिए, जैसे ‘You should visit Delhi!’ और ‘You should learn about technology!’ तब मैंने उनसे जोड़ियों में काम करने, और उन पाँच सुझावों को लिखने को कहा जो वे देंगे। मैंने उनसे वाक्यों को अंग्रेजी में लिखने को कहा। मुझे उन गलतियों की चिंता नहीं थी जो छात्रों के लिखते समय हो रही थीं। मैं तो बस उनसे कुछ विचार चाहती थी। तीन मिनट बाद, मैंने गतिविधि को समाप्त कर दिया, और तीन या चार जोड़ियों से उन्होंने जो कुछ लिखा था उसके कुछ उदाहरण पढ़कर सुनाने को कहा।

फिर मैंने कक्षा से नेहरूजी के पत्र को मौन रहकर पढ़ने को कहा। मैंने उनसे पढत़े समय उस सुझाव को रेखांकित करने को कहा जो उन्होंने अपने पत्र में दिये थे। मैंने उन्हें पढ़ने और सुझाव को खोजने के लिए दस मिनट की समय सीमा दी। जब वे पढ़ रहे थे, मैंने कमरे में घूमकर यह सुनिश्चित किया कि हर एक ने समझ लिया है कि उन्हें क्या करना है। मैंने देखा कि अजला पत्र में कुछ भी रेखांकित नहीं कर रही थी। उसको समझ में नहीं आया था कि उसे सुझाव की तलाश करनी है, इसलिए मैंने उसे समझाया और कुछ खोजने में उसकी मदद की। तब वह अपने आप यह काम करने लगी।

जब समय खत्म हो गया, तब मैंने अपने छात्रों से कहा कि वे अपने बगल मैं बैठे सहपाठी के साथ उनको मिले सुझाव की तुलना करें। मैंने उनसे यह भी चर्चा करने को कहा कि वह सुझाव उन सुझावों के कितने समान या उससे कितनी भिन्न थी जो उन्होंने पत्र को पढ़ने से पहले लिखी थी। जब वे अपने विचारों की तुलना कर रहे थे, तब मैं कमरे में घूमती रही और वार्तालापों को सुना। यह स्पष्ट था कि कुछ छात्रों ने पत्र में दिये गये सुझाव समझ लिए थे, जबकि कुछ छात्रों को कठिनाई हो रही थी। कुछ मिनटों बाद, मैंने कक्षा से बातचीत करना बंद करने को कहा। फिर हमने पत्र में दिए गए सुझावों पर एक समग्र कक्षा के रूप में चर्चा की, और मैंने सभी ऐसे शब्दों को स्पष्ट किया जो विद्यार्थियों के लिए दी गई सलाह को समझने में बाधक थे।

इसके बाद, मैंने बोर्ड पर ऐसे कुछ वाक्यांश लिखे जिनका उपयोग हम अंग्रेजी में सलाह देते समय कर सकते हैं:

मैंने अपने छात्रों से यह कल्पना करने को कहा कि वे नेहरूजी की तरह बूढ़े दादा और दादी हैं, और अपने पोते–पोतियों के साथ बात कर रहे हैं। उनमें से कुछ को यह काफी मज़ेदार लगा और उन्हें यह विचार पसंद आया! मैंने उनसे ऐसी कुछ सलाह सोचने को कहा जो वे अपने पोते–पोतियों को दे सकते हैं। मैंने उन्हें एक उदाहरण दियाः ‘You should work hard.’ कुछ छात्रों ने कुछ और विचार दिए और मैंने उन्हें बोर्ड पर इस प्रकार लिख दियाः

मैंने स्पष्ट किया कि छात्र किसी भी प्रारम्भिक वाक्यांश (बोर्ड के बायीं तरफ) को किसी भी समाप्ति वाक्यांश (बोर्ड के दाहिने तरफ) के साथ उपयोग में ला सकते हैं। मैंने क्रियाओं (‘enjoy’, ‘eat’, ‘do’, ‘be’, ‘avoid’) को रेखांकित किया और समझाया कि उन्हें इन वाक्यांशों के बाद क्रियाओं के अनियत रूप (infinite form) का उपयोग करना चाहिए। फिर मैंने वाक्यों को ऊँची आवाज में पढ़ा, और छात्रों से उन्हें दोहराने को कहा ताकि वे अपने उच्चारण का अभ्यास कर सकें।

उसके बाद, मैंने छात्रों को जोड़ियों में व्यवस्थित किया, और उनसे कहा कि उनमें से एक दादा/दादी है, और दूसरा पोता/पोती। मैंने समझाया कि दादा/दादी द्वारा पोते/पोती को सलाह दी जानी चाहिए। जब वे तैयार हो गए, तो मैंने उन्हें भूमिकाओं का अभिनय करने के लिए दो या तीन मिनट दिए, और फिर उन्होंने अपनी भूमिकाएं आपस में बदल लीं। जब मैं सुन रही थी, तब मैंने देखा कि कुछ जोड़ियाँ बोर्ड पर लिखी सलाह का उपयोग कर रही थीं, जबकि अधिक आश्वस्त वक्ता नए वाक्यांश बोल रहे थे।

अंत में, मैंने छात्रों से, एक नियत कार्य (assignment) के रूप में, ‘A letter to the children of India’ शीर्षक वाला एक स्वयं अपना पत्र लिखने को कहा। मैंने उनसे उन कुछ वाक्यांशों का उपयोग करने को कहा जिनका उन्होंने अभी–अभी अभ्यास किया था, और यह कल्पना करने को कहा कि वह पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित होगा। अगली कक्षा में मेरे पास कुछ बहुत रोचक पत्र पढ़ने के लिए उपलब्ध थे!

गतिविधि 5: कक्षा में आजमाएं – भारत के बच्चों के नाम एक पत्र

केस स्टडी 2 में, नेहरूजी के पत्र को पढ़ने से पहले, पढ़ने के दौरान और पढ़ने के पश्चात् छात्र कई गतिविधियाँ करते हैं। इन गतिविधियों में सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना शामिल है। आप संसाधन 4 में शिक्षक की अध्याय योजना पा सकते हैं। यह अध्याय (या ऐसा ही कोई अध्याय) अपने छात्रों को पढ़ाने के लिए आप इस अध्याय योजना का उपयोग कर सकते हैं।

विचार के लिए रुकें

इस गतिविधि को आजमाने के बाद विचार करने के लिए यहां कुछ प्रश्न दिए गए हैं। यदि संभव हो, तो इन प्रश्नों की चर्चा किसी सहकर्मी के साथ करें।

  • क्या आप सोचते हैं कि इस इकाई की तकनीकों ने पाठ को समझने में आपके छात्रों की सहायता की?

  • क्या आपके छात्रों ने सलाह देने की भाषा का प्रभावी ढंग से उपयोग किया?

आपको हर बार कोई अध्याय पढ़ाते समय सभी तकनीकों का उपयोग करने की जरूरत नहीं है। फिर भी, आपसे जितना हो सके और जितनी बार हो सके उपयोग करना अच्छी बात है। आप इन तकनीकों का उपयोग पाठ्यपुस्तक के किसी भी अध्याय, या किसी भी अन्य पाठ (उदा. अखबार का कोई लेख) के साथ कर सकते हैं। किसी अन्य अध्याय या पाठ के साथ ऐसी ही योजना लिखें, और उसे अपने सहकर्मियों के साथ साझा करें।

3 पाठ को पढ़ने के बाद उसकी समझ की जाँच करना

5 सारांश