1 भारत में विद्यालय प्रमुख होना

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 भारत के विद्यालयों को पहले से कहीं अधिक स्वायत्तता देता है। कई अन्य देशों में ऐसा पहले ही किया जा चुका है, जहां प्रायः विद्यालय प्रमुख स्वयं के बजट के लिए, अध्यापकों की भर्ती के लिए जिम्मेदार होते हैं और यहां तक कि पाठ्यचर्या पर निर्णय लेने में भी सक्षम होते हैं। ये परिवर्तन अधिक जिम्मेदारी तो लाते हैं पर साथ में और आजादी भी लाते हैं और यह अपेक्षा भी कि विद्यालय प्रमुख जिला शिक्षा कार्यालय या अन्य शैक्षिक प्राधिकरणों से निर्देश मिलने का इंतजार किये बिना अपने विद्यालय को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। भारत में, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (NUEPA) के नेशनल कॉलेज ऑफ स्कूल लीडरशिप (NCSL) का कार्य इन परिवर्तनों का समर्थन करना है।

TESS-India मुक्त शैक्षिक संसाधन (ओईआर) का एक बैंक प्रदान करता है जिसमें विद्यालय प्रमुख के लिए 20 अध्ययन इकाईयां हैं। इन्हें विद्यालय नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर सीखने की गतिविधियां के लिए तैयार किया गया है। कुछ स्पष्टतः, अध्यापन और सीखने में सुधार लाने तथा अध्यापकों की कक्षा संबंधी अभ्यास को विकसित करने पर केंद्रित हैं, वहीं कुछ अन्य विद्यालयों की प्रक्रियाओं और प्रणालियों पर ध्यान देती हैं, जैसे विद्यालय के लिए एक परिकल्पना बनाना, विद्यालय के कार्यों की समीक्षा करना, विकास योजना बनाना और विद्यालय के स्थानीय समाज के साथ मिलकर कार्य करना। आप अपनी व्यावसायिक, सीखने की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले ओईआर चुन सकते हैं। इकाइयों को विद्यालय नेतृत्व के लिए (NCSL) द्वारा पहचानी गई प्राथमिकताओं के अनुसार समूहबद्ध किया गया है, पर वे कोई पाठ्यक्रम नहीं हैं – हम आपको प्रोत्साहित करते हैं कि आप इन इकाइयों में से अपना खुद का रास्ता बनाएं।

प्रत्येक इकाई में गतिविधियां और केस स्टडी दिए गए हैं। गतिविधियां आपको अपने विद्यालय में करने के लिए दी गई हैं; इनमें से कुछ में सहकर्मियों को शामिल किया जाएगा और कुछ को आप स्वयं करेंगे। इन्हें आप पर अतिरिक्त कार्य निर्मित करने के लिए परिकल्पित नहीं किया गया है, बल्कि ये उन चीजों पर चिंतन करने और बेहतर समझ हासिल करने में आपकी मदद करती हैं जो आप किसी न किसी तरह कर रहे हैं या करने की सोच रहे थे। प्रत्येक इकाई को अपने आप में पूर्ण इकाई के तौर पर तैयार किया गया है, पर फिर भी आप चाहें तो संपूर्ण इकाई की बजाए अलग-अलग गतिविधियां चुन सकते हैं। अपनी भूमिका में आप जो ज्ञान और अनुभव लाते हैं, ओईआर उनका समर्थन करते हैं और आपको सहयोगी के रूप में कार्य करने को प्रोत्साहित करते हैं।

इस परिचय इकाई में आप अपने खुद के व्यावसायिक विकास के बारे में सोचना आरंभ करेंगे। आप विचार करेंगे कि आपके पास पहले से क्या-क्या ज्ञान एवं कौशल हैं और विद्यालय प्रमुख के तौर पर आप अपना खुद का तरीका कैसे विकसित कर सकते हैं।

TESS-India अध्यापकों के लिए भी ओईआर प्रदान करता है। सभी ओईआर में सीखने का सामाजिक दृष्टिकोण लिया गया है, जिसमें सीखना अपने विद्यालय के सहकर्मियों और विद्यार्थियों के साथ अभ्यासों में सहभागिता के जरिए होता है। वे सर्वश्रेष्ठ अभ्यास की कोई विस्तृत विधि या निर्देश सामग्रियां नहीं हैं; बल्कि वे आपको और आपके अध्यापकों को चिन्तनशील तथा तर्कमूलक पहचान एवं भूमिकाएं विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यहां उद्देश्य यह है कि व्यक्ति के कार्य परिवेश, भले ही वह आपका विद्यालय या कक्षा, के अंदर की समस्याओं को सुलझाने की संभावनाओं की दिशा में सीखने और पूछने के बारे में खुली सोच रखी जाए (लेव एवं वेंगर, 1991; ब्रूनर, 1996; वेंगर, 1998)।

विचार कीजिए–

एक बार फिर विद्यालय प्रमुख या वरिष्ठ अध्यापक के रूप में करियर की शुरूआत के बारे में सोचें।

  • विद्यालय प्रमुख बनने से लेकर अब तक आपने क्या सीखा है?
  • आप कैसे सीखते हैं?
  • अपने व्यावसायिक विकास के लिए आपके पास कौन-कौन से अवसर हैं?

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

2 विद्यालय प्रमुख के रूप में स्वयं की शिक्षा के बारे में सोचना