3 आवश्यकता का विश्लेषण करना (Need Analysis)

तालिका 1 के अनुसार है विद्यालय प्रमुख में न केवल प्रभावी व्यक्तिगत गुण होने चाहिए बल्कि उसे कई प्रकार की सक्षमताएं भी होना चाहिए (देखें संसाधन 2)। इस बात की संभावना कम ही है कि आप सभी क्षेत्रों में समान रूप से प्रतिभावान या पारंगत हों। यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि आपके अध्यापकों और विद्यार्थियों की तरह, आपका ज्ञान और कौशल भी नई चुनौतियों और बेहतर विशेषज्ञता के लिए समय के -साथ विकसित और परिवर्धित हो रहे हैं।

गतिविधि 3: आवश्यकताओं का विश्लेषण करना

विद्यालय प्रमुख की भूमिका के किन पहलुओं को आप अच्छी तरह संभालते हैं और किन में आपको विकास की जरूरत है, यानी किन क्षेत्रों में आप और सीख सकते हैं, यह पहचान करने के लिए संसाधन 2 में दी गई तालिका को पूरा करें।

सबसे पहले, खुद को ‘अत्यंत सक्षम’, ‘पर्याप्त रूप से सक्षम’, अथवा ‘बमुश्किल सक्षम’ की श्रेणी में रखें। निःसंदेह आपके पास पहले से काफी सारा ज्ञान है, पर आप जीवनभर की भावना के साथ अपने कौशलों और योग्यताओं को बढ़ा दे सकते हैं या उन्हें और बेहतर कर सकते हैं। इस तालिका को पूरा करने से आपको अधिक प्रभावी एवं सक्षमकारी विद्यालय प्रमुख बनने हेतु अपनी आवश्यकताओं और विकास प्राथमिकताओं का विश्लेषण करने में मदद मिलेगी।

आप चाहें तो इस प्रक्रिया को किसी सहकर्मी के साथ साझा करके खुद की एवं आवश्यकताओं और उसकी आवश्यकताओं की चर्चा उसके साथ कर सकते हैं। विद्यालय नेता काफी अलग-थलग हो सकता है, इसलिए सहकर्मी-परामर्श संबंध विकसित करने से दोनों को लाभ पहुंच सकता है। केस स्टडी 2 पढ़ें और जानें कि कैसे दो विद्यालय नेताओं ने अपनी-अपनी ज़रूरतें देखने-जानने में एक-दूसरे की मदद की।

केस स्टडी 2: श्री कपूर और सुश्री अग्रवाल ने की अपनी ज़रूरतों पर चर्चा

श्री कपूर और सुश्री अग्रवाल की मुलाकात हाल ही में एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में हुई थी और उन्होंने पाया कि उनके कई विचार एक-दूसरे से मेल खाते थे। उन्होंने एक-दूसरे की मदद के लिए हर महीने मुलाकात करने की व्यवस्था की, और गतिविधि 3 साथ मिलकर करने का निश्चय किया, जिसमें उन्होंने उदाहरण ढूंढने में एक-दूसरे की मदद की और प्रश्नों से एक-दूसरे की जांच-पड़ताल की। व्यवहार प्रतिरूपणके गुणों के बारे में उनके वार्तालाप को पढ़ें।

2 विद्यालय प्रमुख के रूप में स्वयं की शिक्षा के बारे में सोचना

4 सीखने की योजना बनाना