5 अपनी सीखने की योजना का निष्पादन करना – विद्यालय नेता एक सक्षमकारी के रूप में

किसी विद्यालय में अध्यापन और सीखने को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं आप, विद्यालय नेता – अर्थात आपके गुण और आपकी सक्षमताएं। जब तक आप अध्यापकों को प्रयोग करने और पारंपरिक अध्यापन विधियों से हटने में समर्थ नहीं बनाएंगे, तब तक विद्यार्थियों के सीखने में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

आप स्वयं एक जीवनभर शिक्षार्थी बनने के द्वारा – अपने विद्यालय में नवप्रवर्तन करने व समस्याओं का समाधान करने हेतु अपने ज्ञान का प्रयोग करने के द्वारा – अपने शिक्षकों को सक्षम बनाते हैं। शिक्षकों को परिवर्तन हेतु आपके प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है। आप निम्नलिखित के द्वारा शिक्षकों के लिए अवसर एवं उन्हें मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं:

  • नये विचारों अथवा अभ्यासों को आजमाना
  • शिक्षकों को प्रतिपुष्टि प्रदान करना
  • उनकी कक्षाओं में सकारात्मक बातों को साझा करना तथा उन पर चिंतन करना
  • चीजों को बेहतर बनाने के लिए भिन्न तरीके से किए जा सकने वाले कार्यों के बारे में चर्चा करना।

अगला वृत्त अध्ययन अपने शिक्षकों की बातें सुनने तथा नेतृत्व हेतु एक महाविद्यालयी कार्यपद्धति विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डालता है – सक्षम करने का अर्थ है अपने शिक्षकों के साथ मिलकर कार्य कराना ताकि संवाद हो तथा यह सुनिश्चित हो सके कि आप उनसे सीख रहे हैं।

इसलिए एक सक्षमकर्ता होने का अर्थ है – आपके विद्यालय में प्रत्येक व्यक्ति के लिए सक्रिय, सहभागितापूर्ण अध्ययन प्रदान करने हेतु अनुकूल स्थितियों का निर्माण करना।

वृत्त-अध्ययन 3: विद्यालय को एक नये दृष्टिकोण से देखना

यह एक विद्यालय नेता के साक्षात्कार का रिकॉर्ड है जिन्होंने हाल ही में स्थानीय जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में प्राथमिक विद्यालय नेता हेतु पाठ्यक्रम में भाग लिया था। उनका विद्यालय बहुत अच्छे से कार्य कर रहा था, तथा उनके विद्यालय नेता बनने के पश्चात विद्यार्थियों की उपस्थिति में बहुत अधिक सुधार हुआ थ। वे उपस्थिति में सुधार के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने को उत्सुक थे, पर उन्होंने इस बात को समझा कि उनके विद्यालय में ऐसे और महत्वपूर्ण मामले भी हैं जिन पर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है।

कोर्स के बारे में हमारा इनसे परिचय करवाया गया था – विद्यालय आत्म समीक्षा एवं विकास योजना के बारे में TESS-India ओईआर [नेतृत्व के बारे में दृष्टिकोण: विद्यालय की आत्म समीक्षा का नेतृत्व करना तथा नेतृत्व के बारे में दृष्टिकोण: विद्यालय विकास योजना]। मैं मध्यावकाश के इंतजार में थी ताकि मैं हमारी उपस्थिति में सुधार की खुशखबरी सहकर्मियों से बाँट सकूँ।

आत्म-समीक्षा के बारे में इकाई पर कार्य करते समय मुझे बहुत प्रसन्नता हुई – मेरे विद्यालय में बहुत से अच्छे कार्य हो रहे हैं। लेकिन फिर प्रशिक्षक ने हमसे हमारे विद्यालय में शिक्षकों के बारे में कुछ प्रश्न तथा विद्यालय के बारे में उनके विचार पूछे। मेरे पास तीन शिक्षक हैं, पर मैंने महसूस किया कि मैंने जो बदलाव किए हैं उनके बारे में वे क्या सोचते हैं यह मुझे नहीं पता; उन्होंने बस वह किया है जो उनसे करने को कहा गया और मेरी बातों पर उन्होंने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई।

सबसे छोटे विद्यार्थियों के लिए मुझे एक और शिक्षक की सख्त ज़रूरत है क्योंकि हर शिक्षक को दोगुनी कक्षाएं संभालनी पड़ रहीं हैं। भोजनावकाश के समय जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्हें अभी तक कोई शिक्षक नहीं मिल सका है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जिन दो शिक्षकों से पूछा था, उन शिक्षकों ने स्थानान्तरण न करने का निवेदन किया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि मेरे विद्यालय में शिक्षण करना बहुत कठिन कार्य होगा। असल में, उसने यह भी खुलासा किया कि एक शिक्षक ने उससे संपर्क किया था और पूछा था कि क्या उन्हें किसी दूसरे विद्यालय भेजा जा सकता है। मैं बहुत ही आश्चर्यचकित तथा निराश था।

जब हम विकास योजना पर पहुंचे तो मुझे यह महसूस होना आरंभ हुआ कि मैं थोड़ा-थोड़ा एक तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहा हूं। मैंने विद्यालय में सुधार लाने के बारे में कई फैसले लिए हैं और कई बदलावों को लागू भी किया है, पर मैंने मेरे किसी भी शिक्षक को किसी भी चर्चा में शामिल नहीं किया है, उनसे विचार नहीं मांगे हैं और न ही यह दिखाया है कि मैं उनके अनुभव को मान देती हूँ। कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उनमें से कुछ लोग दबाव महसूस कर रहे हैं!

मैने महसूस किया कि यद्यपि विद्यार्थियों को विद्यालय आना अच्छा लगता है, तथापि मुझे शिक्षकों का बेहतर तरीके से ध्यान रखने की आवश्यकता है। मैं वापस विद्यालय गया तथा और अधिक महाविद्यालयी बनने तथा शिक्षकों का और अधिक सहायक बनने का दृढ़ निश्चय किया। अगली स्टाफ बैठक में, हर बार के प्रशासनिक कामकाज करने की बजाए, मैंने उनसे कहा कि वे मुझे बताएं कि एक विद्यालय के तौर पर हम क्या अच्छा करते हैं। मुझे आश्चर्य हुआ कि परिणाम और उपस्थितियों के आँकड़े बताने की बजाए उन्होंने कुछ इस तरह की चीजें बताईं जैसे, लड़कियां कक्षा में बोलने लगी थीं या यह कि बड़े विद्यार्थी छोटों के प्रति दयालु थे। मैंने इन सामाजिक पहलुओं के बारे में सच में नहीं सोचा था।

फिर हमने चर्चा की कि किन चीजों में सुधार किया जा सकता है, पर मुझे महसूस हुआ कि वे लोग आलोचना करने में एहतियात बरत रहे थे। मैंने शिक्षकों से कहा कि वे साथ मिल कर एक सूची बना कर दें और यह भी कहा कि अगर वे मेरे किसी काम की आलोचना करते हैं तो भी मैं उससे अप्रसन्न नहीं होउंगी। फिर मैंने हर शिक्षक से अलग-अलग बात करने को मुलाकात की ताकि मैं उनके काम के ऐसे पहलुओं के बारे में सुन सकूं जो उनके लिए महत्वपूर्ण हैं और एक व्यक्ति के तौर पर उनके बारे में और जान सकूं। थोड़ा समय गुजरने पर हमारे बीच की बातचीत और खुली व साफ हो गई, और मैंने इस बारे में बहुत कुछ जाना कि छोटे-छोटे चरणों में विद्यालय को बेहतर बनाने के लिए हम साथ मिल कर क्या कुछ कर सकते हैं।

विचार के लिए रुकें

इस वृत्त अध्ययन पर विचार करें। क्या आपको लगता है कि आपके शिक्षकों को आपके विद्यालय में कार्य करना अच्छा लगता है?

क्या उन्हें लगता है कि उन्हें महत्व दिया जाता है, उन्हें समर्थन दिया जाता है तथा उनकी बातों पर विचार किया जाता है?

4 सीखने की योजना बनाना

6 अपने शिक्षकों पर ध्यान केन्द्रित करना