1 विद्यालय स्व-समीक्षा और उसके लाभ और चुनौतियाँ क्या हैं?

‘‘विद्यालय स्व-समीक्षा‘‘ का हमारे लिए क्या अर्थ है? आसान शब्दों में, विद्यालय कैसे कार्य कर रहा है इसकी तरफ देखने का मतलब विद्यालय स्व- समीक्षा है।

  • विद्यार्थी कितनी अच्छी तरह से पढ़ाई कर रहे हैं?
  • वे शैक्षिक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से कितनी अच्छी तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं?
  • विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए विद्यालय कैसे मदद कर रहा है?
  • विद्यार्थियों के सीखने में समर्थन करने के अपने मुख्य कार्य में शिक्षक कितने प्रभावी हैं?
  • समय सारणी को कितनी अच्छी तरह से नियोजित किया गया है?
  • सह-पाठ्यक्रम गतिविधि के द्वारा कौन सी भूमिका अदा की जा रही है?
  • समुदाय के साथ संबंध कितने प्रभावी हैं?

कई सारे प्रश्न पूछे जा सकते हैं और स्व-समीक्षा का आधार बनाते हैं।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आपको विद्यालय के कार्यों के कोई ऐसे अन्य पहलू नज़र आते हैं जो आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हों?
  • अन्य कौन से सवाल हैं जो आप पूछना चाहते हैं?
चित्र 1 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।

स्व-समीक्षा में, विद्यालय प्रमुख और शिक्षक अपने आपसे वही प्रश्न पूछते हैं जो कोई बाहरी समीक्षक उनसे पूछता है। जब उन्हें ऐसी किसी बात का पता चलता है जो वैसी नहीं होनी चाहिए (जैसे कि पिछले साल के मुकाबले इस साल की उपस्थिति खराब है), वे उस पर छानबीन करके कुछ कार्रवाई कर सकते हैं। विद्यालय ने क्या अच्छा किया और अधिकारिक तौर पर बाहरी समीक्षा होने से पहले क्या सुधारने की आवश्यकता है इसके बारे में पता लगाना ‘स्व-समीक्षा’ करना है।

विद्यालय कितनी अच्छी तरह से कार्य कर रहा है यह समझने में समय तो लग सकता है, लेकिन विद्यालय के नेतृत्व के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दुकानदार को यह पता होना चाहिए कि रोज क्या बिकता है ताकि वह अगले दिन के लिए उचित स्टॉक का ऑर्डर दे सके। उसे यह पता होना चाहिए कि क्या ठीक नहीं बिक रहा है और उसका स्टाफ अच्छी तरह से और ईमानदारी से कार्य कर रहा है यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उनके वेतन देने के लिए और नया स्टॉक खरीदने के लिए पर्याप्त मुनाफ़ा हो। व्यवसाय के लिए लापरवाही उचित नहीं है क्योंकि इससे वे पैसा गंवा बैठते हैं और व्यवसाय से बाहर हो जाते हैं। विद्यालयों के सामान्य लाभ-हानि खाते नहीं होते लेकिन उन्हें यह जानने की आवश्यकता है कि वे अच्छा कर रहे हैं या नहीं।

केस स्टडी1: श्री. मोहंती अभिभावकों के साथ संबंध जोड़ते हैं

श्री. मोहंती नौ शिक्षकों वाले मध्यम आकार के माध्यमिक विद्यालय में नए नियुक्त विद्यालय प्रमुख (प्रधनाध्यापक) हैं।

मैं अपनी नई नौकरी शुरू करने में घबराया हुआ था। पिछले विद्यालय प्रमुख द्वारा विद्यालय के कोष में की गई गड़बिड़यों के चलते विद्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल हो गई थी। मुझसे पहले के प्रधानाध्यापक कुछ ही महीनों से नौकरी पर रहे थे और समुदाय में फैले अविश्वास को संभालना उनके लिए मुश्किल रहा था। मैंने तय किया कि मुझे दो चीज़ें करने की आवश्यकता है: पहली ध्यान से सुनना और विद्यालय के बारे में जितनी हो सके उतनी जानकारी इकठ्ठा करना और दूसरे यह कि मुझसे जितनी जल्दी हो सके शिक्षकों को सकारात्मक प्रतिक्रिया देना। हर दिन शिक्षकों को पहला मौका मिलते ही चले जाने से हौसला स्पष्ट रूप से कम हो गया था।

मैंने उपस्थिति ब्यौरा और परीक्षा के नतीजों को देखने से शूरूआत की। दोनों बहुत अच्छे नहीं थे, लेकिन गणित के परिणाम बाकी सबसे बेहतर थे, इसलिए मैंने दो गणित के शिक्षकों से बात की, उनका अभिनंदन किया और उनकी सिखाने के पद्धति के बारे में पूछा। शिक्षकों ने पाठ्यक्रमों कितना पूरा किया है, अभिभावकों के साथ शाम की रिपोर्ट (बहुत ही कम अभिभावक उपस्थित थे), दण्ड की किताब (उसमें बहुत सारी प्रविष्टियाँ थी) और विद्यालय प्रबंधन कमेटी [SMC] की बैठकों के विवरण को मैंने देखा।

कुछ हफ्तों के बाद विद्यालय कैसे काम कर रहा है, विद्यालय के लोगों की सहभागिता और विद्यालय के बेहतर पहलुओं से संबंधित कुछ तथ्यों के बारे में मुझे स्पष्ट अनुभव मिल गये थे। मैंने जो जानकारी इकठ्ठा की थी उसने मेरे अपने मूल्यांकन, चर्चा और योजना बनाने के लिए आधार प्रदान किया। उसने मुझे कुछ मापदण्ड भी दिए जिनके सापेक्ष मैं प्रगति को माप सकता था।

गतिविधि 1: स्व–समीक्षा के फायदों को पहचानना

विद्यालय स्व-समीक्षा में शामिल है ऑंकड़ों का संकलन करना और फिर उनका विश्लेषण करना ताकि विद्यालय किस चीज़ में अच्छा कार्य कर रहा है और किसमें सुधार करना आवश्यक है यह पता किया जा सके। स्व-समीक्षा विद्यालय विकास योजना का आधार बनेगी, जिसका आप अन्य विद्यालय नेतृत्व इकाई में अध्ययन करेंगे (नेतृत्व पर दृष्टिकोण: विद्यालय विकास योजना का नेतृत्व करना)।

केस स्टडी को दोबारा पढ़िये और अपनी सीखने की डायरी में स्व-समीक्षा प्रक्रिया के फायदों की सूची बनाइये।

Discussion

विद्यालय स्व-समीक्षा एक वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया होनी चाहिए। निरीक्षणों और ऑंकड़ों के तथ्यों के इस्तेमाल से उसे निष्पक्ष और संतुलित होना चाहिए। यह सिर्फ कानूनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए या बाहरी मांग को उत्तर देने के लिए ऑंकड़ों का संग्रहण करना नहीं है; ना ही पूर्वाग्रहों को सुनकर उन पर चलना है ना ही अन्यों के मुकाबले कुछ हितधारकों को लाभ पहुँचाना है।

गतिविधि 2: सत्य या असत्य?

निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन के लिए, वे जहां तक सही है उसे निर्धारित करें। क्या कथन ‘हमेशा सत्य’, ‘कभी कभार सत्य’ या ‘कभी भी सत्य’ नहीं होते हैं? अपने विचारों को अपनी सीखने की डायरी में नोट करें।

  • विद्यालय स्व-समीक्षा केवल विद्यालय नेताओं और भागीदारों के लिए होती है।
  • विद्यालय स्व-समीक्षा आपको विद्यालय के बारे में प्रत्येक वह चीज बताती है जिसकी आपको जानने की आवश्यकता है।
  • विद्यालय स्व-समीक्षा ईमानदारी की संस्कृति में सर्वश्रेष्ठ तौर पर की जा सकती है।.
  • विद्यालय स्व-समीक्षा यह खोजने के लिए है कि विद्यालय के साथ क्या गलत है।
  • विद्यालय स्व-समीक्षा में काफी समय लगता है।
  • विद्यालय स्व-समीक्षा से प्रत्येक व्यक्ति को यह देखने में सहायता मिल सकती है कि क्या करने की आवश्यकता है।
  • विद्यालय स्व-समीक्षा विश्लेषण पर विचार और योजना के लिए एक आधार उपलब्ध कराती है।

Discussion

ऊपर में से, केवल कथन 3, 6 और 7 हमेशा सच होते हैं। विद्यालय स्व-समीक्षा की अगुवाई विद्यालय नेतृत्व ही करते हैं, प्रक्रिया में कोई भी सम्मिलित हो सकता है। कुछ विद्यालयों में, छात्र समीक्षा में महत्वपूर्ण खिलाड़ी होते हैं – आखिरकार, वे शिक्षण और विद्यालय संगठन को पहली नजर में किसी अन्य से अधिक देखते हैं, और अगर उपयुक्त तैयारी हो, तो वे एक मूल्यवान भूमिका निभा सकते हैं।

समीक्षा में कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा। एक वार्षिक समीक्षा कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों, या एक या दो वास्तव में महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दे सकती है। उद्देश्य यह खोजना नहीं है कि क्या गलत है, बल्कि विद्यालय नेतृत्व को विद्यालयों की सफलताओं का जश्न मनाने में सक्षम करना और उसके विकास के लिए क्षेत्रों की पहचान करना है। यह महत्वपूर्ण है कि इसे मात्र आरोप लगाने के वातावरण में आयोजित न किया जाए।

सही तरीके से करने पर, एक विद्यालय समीक्षा विद्यालय नेतृत्व के रोजाना के कार्य का हिस्सा है। अधिकतर आंकड़े नियमित तौर पर एकत्र किये जायें। विश्लेषण रोचक और सूचक दोनों है। उन्हें अपनी ऊर्जा उन क्षेत्रों में लगाने में सक्षम करता है जो सबसे अधिक अंतर पैदा करेंगे। इसमें समय लगता है, लेकिन इससे आखिरकार विद्यालय नेतृत्व का काम आसान हो जाएगा।

गतिविधि 3: चुनौतियों और अवसरों की पहचान करना

निम्न दो स्थितियों पर विचार करें और अपनी सीखने की डायरी में प्रश्नों के उत्तरों को दर्ज करें।

  • मान लीजिए कि आपने एक नए स्थापित विद्यालय जिसे खुले अभी केवल एक वर्ष हुआ है, जिसमें आप ने नेतृत्व की कमान संभाली है। कैसे सुधार किए जाएंगे इसकी योजना बनाने से पहले आपको नए विद्यालय के बारे में जानने की आवश्यकता होगी। आपके सामने कौन सी चुनौतियां आ सकती हैं? और एक समीक्षा से कौन से अवसर मिलेंगे इस बारे में आप क्या सोचते हैं?
  • मान लीजिए कि आप उसी विद्यालय में दस वर्षों से विद्यालय नेतृत्व कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्थानीय विद्यालय प्रधानाध्यापक की बैठक यह बताने के लिए बुलाई है कि वे चाहते हैं कि आप अपने विद्यालय की एक समीक्षा करें और उसकी रिपोर्ट कार्यवाही योजना के साथ छह महीने के समय में दें। आपके सामने कौन सी चुनौतियां आ सकती हैं और उस समीक्षा से कौन से अवसर मिलेंगे इस बारे में आप क्या सोचते हैं?

Discussion

एक नए विद्यालय प्रमुख के तौर पर, शिक्षक आपको प्रभावित करने के लिए प्रयासरत होंगे, इस वजह से सही आंकड़े एकत्र करना मुश्किल हो सकता है। कुछ शिक्षक आपके उद्देश्यों को लेकर संदेह कर सकते हैं; कुछ को चिंता होगी कि आप उन्हें उन चीजों के लिए दोष देंगे जो विद्यालय में गलत हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि आप उन बातों पर ध्यान देने से शुरुआत करें जो आप सोचते हैं कि विद्यालय अच्छा करता है। (एक साकारात्मक सोच)

एक स्थापित विद्यालय नेता के तौर पर, आपकी ओर से कोई भी नया व्यवहार संदेह से लिया जा सकता है। आपको इस बात पर जोर देना होगा कि यह एक दल का प्रयास है और आपको उनकी सहायता की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करें कि आप उस चीज पर आंकड़े एकत्र करने से शुरुआत करें जो अच्छी चल रही है। सफलता का सार्वजनिक उत्सव मनाने से लोगों का विश्वास मिलेगा और आपके लिए समस्या वाले मुद्दों से निपटना आसान बन जाएगा।

स्व-समीक्षा की प्रक्रिया का अच्छा प्रबंधन करने की आवश्यकता है, जिससे सभी हितधारक प्रक्रिया और उद्देश्य के बारे में स्पष्ट हों। इसके बाद वे अच्छी तरह विचार कर और रचनात्मक तरीके से योगदान देने की अधिक संभावना रखेंगे। प्रक्रिया के सकारात्मक और खुली होने की आवश्यकता है – यह क्या गलत है इसका पता लगाने और आरोप लगाने के बारे में नहीं है। प्रक्रिया वास्तविक होनी चाहिए और क्या समीक्षा की गई है और विद्यार्थियों के लिए परिणामों में अंतर पैदा करने वाली जानकारी एकत्र करने के लिए कितना समय व्यय किया गया है इस पर भी ध्यान देने वाली होनी चाहिए।

स्व-समीक्षा सुधार की गतिविधि के एक चक्र का हिस्सा है जिसका सार चित्र 2 में दिया गया है। आप देखेंगे कि यहां विभिन्न चरण हैं जो समीक्षा और बदलाव के एक चक्र में पहुंचते हैं। यहां अन्य नेतृत्व इकाइयां हैं जो योजना बनाने और लागू करने के चरण की आवश्यकता पूरी करती हैं वह आपके लिए अगली इकाई को देखने के लिए उपयोगी हो सकती हैं।

चित्र 2 स्व-समीक्षा चक्र (शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास सेवा, अदिनांकित से अनुकूलित)।

इस इकाई का शेष भाग इस पर ध्यान देगा कि तथ्य या प्रमाण कैसे एकत्र करना है, उसे कैसे व्यवस्थित करना है और उसे स्व-समीक्षा फॉर्म पर कैसे प्रस्तुत करना है।

विद्यालय नेता इस इकाई में क्या सीखेंगे

2 डेटा और जानकारी