4 स्व-समीक्षा के साधन

स्व-समीक्षा के कई साधन हैं; इस अनुभाग में आपका परिचय ऐसे पाचँ साधनों से कराया जाएगा जिनसे आपको आँकड़ों के संग्रहण में तथा आपके विद्यालय में जो कुछ हो रहा है उसकी समीक्षा करने में अन्य लोगों को सफलतापूर्वक जोड़ने में मदद मिल सकती है।

साधन 1: अधिगम चहलकदमी

चित्र 5 एक विद्यालय प्रमुख अधिगम चहलकदमी करते हुए।

अधिगम चहलकदमी में विद्यालय प्रमुख या प्रधानाध्यापक क्या चल रहा है यह जानने के लिए विद्यालय दिवस के दौरान विद्यालय में टहलते हैं। अच्छे विद्यालय प्रमुख हमेशा से यह करते आए हैं। यह स्व-समीक्षा का एक आवश्यक घटक है क्योंकि इससे निम्नांकित को करने का मौका मिलता है:

  • रुक कर, जो आप देख रहे हैं उस पर चिंतन करना। आपको यह निर्धारित करना होगा कि आप कौन सी शैली अपनाएंगे। आप जितना कम दिखेंगे, उतना ही अधिक आप देख व सुन पाएंगे। तथापि, यदि स्टाफ और विद्यार्थियों को लगे कि आप ‘जासूसी’ कर रहे हैं, तो यह पद्धति अनुत्पादक बन सकती है। जब सहयोग व चुनौती की संस्कृति स्थापित हो चुकी होती है तो स्टाफ और विद्यार्थियों के विद्यालय प्रमुख के साथ खुला और ईमानदार व्यवहार करने की संभावना बढ़ जाती है।
  • चीजों का पता लगाना। आप मध्यावकाश में या विद्यालय दिवस के आरंभ या अंत में अध्यापकों, विद्यार्थियों, माता-पिता और सहयोगी स्टाफ से बात कर सकते हैं (और इतने ही महत्वपूर्ण रूप से, उन्हें सुन सकते हैं) ।
  • अध्यापकों को संकेत दें कि उनकी कक्षा में क्या चल रहा है इस बारे में विद्यालय प्रमुख के नाते जानने में आप रुचि रखते हैं।
  • किसी एक मुद्दे पर फोकस करें।

अधिगम चहलकदमी रोज़ाना एक ही समय पर न करें, क्योंकि ऐसा करने से आपको मिलने वाली जानकारी सीमित हो जाएगी।

गतिविधि 7: अपनी अधिगम चहलकदमी के लिए समय निकालना

  • . अपनी सीखने की डायरी में अगले हफ्ते की कुछ अधिगम चहलकदमियों की योजना बनाने के लिए (आदर्श रूप से किसी विश्वसनीय सहयोगी के साथ) बैठें। हिसाब लगाएं कि आप कैसे अपना कार्यभार घटा सकते हैं ताकि आपके पास रोज़ाना, आदर्श रूप से आधे-आधे घंटे के दो टुकड़ों में, एक घंटा अधिगम चहलकदमी करने के लिए हो। जब आप यह कर रहे हों तो, अधिगम चहलकदमी करने के लिए आप समय कैसे निकाल सकते हैं इस बारे में अपने आप से निम्नांकित प्रश्न पूछें:
    • ऐसा क्या है जो नियत है और मुझे करना ही होगा? (उदाहरण के लिए, अपना स्वयं का पाठ पढ़ाना।)
    • मैं अपने समय को प्रभावी ढंग से व्यवस्थित कैसे कर सकता हूँ? (उदाहरण के लिए, दिन का एक ऐसा समय, सामान्यतः सुबह में, चुनें जब आप अपने कार्य से संबंधित सभी फोन कॉल करेंगे।)
    • क्या ऐसा कोई कार्य है जिसे किसी अन्य द्वारा किया जाना चाहिए या जिसे किसी अन्य द्वारा इतनी ही अच्छी तरह किया जा सकता है?
    • क्या ऐसा कोई कार्य है जिसमें विलंब करने से कोई समस्या नहीं होगी?
    • क्या ऐसा कोई कार्य है जिसे वास्तविकता में किए जाने की ज़रूरत ही नहीं है?
  • . अपने हफ्ते की योजना बनाएं ताकि आप अलग-अलग समयों पर, जैसे विद्यालय दिवस के आरंभ में या अंत में (माता-पिता से बातचीत करने के लिए), पाठों के बीच के थोड़े से खाली समय में (जब अध्यापक कक्षाएं एक-दूसरे को सौंपते हैं) , मध्यावकाश या भोजनावकाश में, और अध्यापन समय के दौरान भी, भ्रमण कर पाएं।.
  • अपने प्रेक्षण लिखने के लिए एक छोटा सा नोटपैड साथ ले लें और बस आप निकलने के लिए तैयार हैं। प्रत्येक भ्रमण के लिए एक फोकस चुनें, जैसे विद्यार्थी संलग्नता का स्तर। इससे आपको व्यवस्थित ढंग से आँकड़े एकत्र करने में मदद मिलेगी।
  • अब अधिगम चहलकदमी करें। जो भी आप देखें व सुनें उसे रिकॉर्ड करें। यदि आप कुछ ऐसा देखें जो आपको प्रभावित करे तो उस व्यक्ति या समूह की प्रशंसा करें। एकमात्र नियम यह है कि सकारात्मक और सम्मानपूर्ण रहें। यदि आपका विद्यालय आपको बाहर इस तरह घूमते देखने का अभ्यस्त नहीं है, तो स्टाफ को विश्वास में लेने की जरूरत पड़ेगी।
  • अपने निष्कर्षों को सारांशित करें और विद्यालय में और अधिगम चहलकदमी करने के साथ-साथ उभरते हुए रुझान तलाशें।
  • देखें कि अधिगम चहलकदमी से आपको जो परिणाम या निष्कर्ष मिल रहे हैं उनके समर्थन में आपको किन्हीं अन्य स्रोतों से प्रमाणों की आवश्यकता है या नहीं।
  • इस बारे में सोचना शुरू करें कि आप कैसे क्षेत्रों में सुधार ला सकते हैं और कैसे आप अपने निष्कर्षों को साझा करेंगे।

Discussion

अधिगम चहलकदमी के कई लाभ हैं और कक्षाओं में जो हो रहा है – जो कि विद्यालय जीवन का केंद्र है – उससे प्रधानाध्यापक संपर्क में रहता है। इसमें ज़रूरी नहीं कि बहुत समय लगे। जिन विद्यालयों में स्व-समीक्षा सुस्थापित है वहां अधिगम चहलकदमी लोगों के दल द्वारा की जा सकती है और उसमें संभवतः कार्याभ्यास के किसी एक विशिष्ट पहलू पर नज़र डाली जाएगी, जैसे अध्यापक किस प्रकार के प्रश्नों का उपयोग कर रहे हैं, पाठों का आरंभ और अंत, कठिनाई का सामना कर रहे विद्यार्थियों का सीखना आदि।

साधन 2: अभ्यास पुस्तिका/कक्षा कार्य का अवलोकन

पुस्तक अवलोकन एक औपचारिक गतिविधि है जिसमें आप निगरानी और मूल्यांकन के उद्देश्य से विद्यार्थियों के विशिष्ट समूहों से पुस्तकें एकत्र करते हैं। इससे कई कार्य पूर्ण करने में आपको मदद मिलती है, जैसे

  • अध्यापक द्वारा तय कार्य की प्रकृति और गुणवत्ता मापना
  • कक्षा में कार्य पूर्ण होने की गति का विश्लेषण करना
  • यह पहचानना कि अध्यापक कार्य में किस हद तक और कितनी अच्छी तरह सुधार एवं चिह्नांकन कर रहे हैं
  • विषय-वस्तु एवं प्रस्तुति की गुणवत्ता देखना
  • सीखने की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना
  • पाठों में जिस प्रकार की गतिविधियां की जा रही हैं उनके संकेत खोजना।

सभी पुस्तकों पर नज़र डालने में तो बहुत समय लगेगा, इसलिए आपको प्रतिचयन (सैंपलिंग/नमूने लेने) का तरीका विकसित करना होगा। उदाहरण के लिए, आप:

  • हर तीसरी नोटबुक पर नज़र डाल सकते हैं
  • प्रत्येक कक्षा के दो छात्रों और दो छात्राओं के कार्य पर नज़र डाल सकते हैं
  • एक ही विषय में विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों की पुस्तकों के नमूने पर नज़र डाल सकते हैं।

साधन 3: मात्रात्मक आँकड़ों का एकत्रीकरण और विश्लेषण

तथ्यों एवं प्रमाणों को एकत्र करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बेहद अच्छे विद्यालयों में यह नित्य गतिविधि होती है। आपको जो सबसे बड़ी चीज करनी है वह है इस बात पर फैसला लेना कि आप किस चीज पर फोकस करेंगे और उससे विद्यालय का प्रदर्शन सुधारने में आपको कैसे मदद मिलेगी। विद्यालय प्रमुख होने के नाते, आपको स्व-समीक्षा को सीखने, उसके परिणामों को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

गतिविधि 8: वर्षान्त परीक्षणों से प्राप्त आँकड़ों का उपयोग करना

अपने वर्षान्त-परीक्षणों के बाद, परिणाम के आँकड़ों का अध्ययन करके वे प्रमाण निकालें जिनसे आपको कुछ सुधार करने में मदद मिल सकती हो। आपको जो आँकड़े चाहिए, यदि वे आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि आपको अगले वर्ष से वे आँकड़े अलग ढंग से एकत्र व रिकॉर्ड करने हैं ताकि यह कार्य अगली बार आसान हो जाए।

किसी कक्षा के विषयानुसार परीक्षणों पर नज़र डालें, और अगर वे मौजूद न हों तो एक मेट्रिक्स बनाएं ताकि आप प्रत्येक प्रतिशत के अनुसार (10 प्रतिशत – देखें संसाधन 3) परिणाम पाने वाले विद्यार्थियों को गिन कर प्रदर्शन जांच सकें। जब आप इस आँकड़े को आलेखित कर चुके हों, तो आपको उसका विश्लेषण करना होगा, ताकि वह उपयोगी जानकारी का रूप ले ले और आपको इस बारे में बता सके कि आपको और क्या-क्या पता लगाने की जरूरत हो सकती है। अपने विचारों को अपनी सीखने की डायरी में नोट करें।

  1. सारे आँकड़ों पर नज़र डालें और देखें कि क्या कोई विषय ऐसा है जिसमें विद्यार्थियों का प्रदर्शन बाकी विषयों से काफी अलग है। उसके बाद, विषय को पढ़ाने वाले स्टाफ़ पर नज़र डालें। क्या स्टाफ़ अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या सुधारों की आवश्यकता है?
  2. जहां एक ही विषय को कई अध्यापक पढ़ा रहे हों वहां अलग-अलग विषयों के आँकड़ों पर नज़र डालें। क्या कोई ऐसा अध्यापक है जिसके स्कोर उल्लेखनीय रूप से अलग हैं? क्या ऐसा शायद इसलिए है कि उसे सहयोग चाहिए या फिर वह उल्लेखनीय रूप से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है?
  3. आँकड़ों से मिल रहे प्रमाण का इस्तेमाल करके जांचें कि ये विसंगतियां क्यों हैं, जिन्हें श्रेय मिलना चाहिए उनकी प्रशंसा करें और जहां हल होने लायक मुद्दे हों वहां कदम उठाएं।

Discussion

क्या इस तरह से एकत्र आँकड़ों से आप चकित हुए? क्या इसने आपको इस बारे में जानकारी दी कि आपको और क्या-क्या जांच-पड़ताल करने की आवश्यकता है? अपने आँकड़ों से तत्काल निष्कर्ष निकालने में थोड़ा सावधान रहें – हो सकता है कि सीखने के परिणामों पर प्रभाव डालने वाले ऐसे अन्य कारण भी हों जिनके बारे में आपने सोचा भी न हो (जैसे उपस्थिति या कक्षा का आकार)। आपको प्रेक्षणों और बातचीत के जरिए और प्रमाण एकत्र करने की जरूरत पड़ सकती है।

इस तरह से आँकड़ों का विश्लेषण शुरू करने पर, आप आँकड़ों को एकत्र करने और उनका उपयोग करने के और बेहतर तरीके सोचेंगे – जैसे कि अलग-अलग विद्यार्थियों या विद्यार्थी समूहों पर नज़र रखना, ताकि आप उनकी कठिनाइयों की पहचान कर सकें।

साधन 4: हितधारकों से बातचीत

विद्यालय से जुड़े विभिन्न लोगों जैसे–अध्यापक, विद्यार्थी, अभिभावक, विद्यालय कार्मिक आदि जिन्हे ‘हितधारकों की संज्ञा दी जा सकती है। दृष्टिकोण, रवैये और अनुभव जांचने होंगे। जरूरी नहीं कि यह कार्य कोई रोब गाँठने वाली ड्यूटी हो। यदि आप अपने अधिगम (सीखने) भ्रमण कर रहे हैं तो आप हफ्ते में कम से कम एक बार, विद्यालय दिवस की शुरूआत और समाप्ति पर अभिभावकों से बात कर पाएंगे। मध्यावकाशों के दौरान आप व्यक्तियों या छोटे समूहों के साथ उन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं जिन्हें लेकर आप चिंतित हैं या जिनमें आपकी रुचि है। आप अपनी स्टाफ बैठकों के लिए नियमित कार्यसूची बिंदु रख सकते हैं जो विद्यालय सुधार लक्ष्यों और उनकी धारणाओं से संबंधित हों।

अपने प्राथमिक हितधारकों, यानी विद्यार्थियों के मामले में, स्व-समीक्षा एक दो-तरफा प्रक्रिया है। आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इस बात का प्रत्यक्ष अनुभव करें कि आपके विद्यालय में विद्यार्थी का जीवन वास्तव में कैसा है और उन्हें किस स्तर का सहयोग मिलता है और उनके सामने किस स्तर की चुनौतियाँ आती हैं। विद्यार्थियों के पास स्व-समीक्षा प्रक्रिया में देने को बहुत कुछ है, पर यदि उन्हें समालोचनात्मक विचार सामने रखने में आत्मविश्वासी बनना है तो उन्हें ‘प्रशिक्षण’ और सहयोग दिया जाना होगा। यदि आप विद्यार्थियों के उन विचारों को भरोसेमंद मानते हैं, जो स्टाफ़ से विरोधाभास रखते हैं, तो हो सकता है कि स्टाफ आरंभ में शक्की व्यवहार दिखाए। एक बार फिर, यह सकारात्मक और खुला माहौल बनाने के बारे में है। कुछ विद्यालयों में, विद्यार्थियों की नियमित परिषदें या संसद होती हैं, और वे विद्यालय समुदाय को प्रभावित करने वाले मुद्दों के संबंध में निर्णय लेने में सहभागी हो सकते हैं।

अभिभावक भी वे मुख्य हितधारक हैं जो विद्यालय समीक्षा में मदद कर सकते हैं। आपको उनके साथ बात करने के लिए समय निकालना होगा और उन्हें अपने विचार सुनाने का मौका देना होगा।

गतिविधि 9: विद्यार्थियों का साया बनना

विद्यालय नेतृत्व आँकड़ा संग्रहण के जो भी अभ्यास कर सकता है, उनमें से सबसे जल्दी दृष्टि देने वाला अभ्यास है किसी विद्यार्थी का साया बनना। पूरे दिन किसी एक विद्यार्थी का प्रेक्षण करने से, आपको निम्नांकित के बारे में अच्छी-खासी जानकारी मिल सकती है:

  • अध्यापन की शैली (शैलियां)
  • विद्यार्थी के जुड़ाव का स्तर
  • अध्यापक-विद्यार्थी संबंध
  • समय और संसाधनों का उपयोग
  • सीखने पर अध्यापन का प्रभाव।

आदर्श रूप से, आप साया बनने का यह कार्य कर सकते हैं – पर आपके शक्तिसम्पन्न पद के कारण, विद्यार्थी के लिए यह बहुत भयभीत करने वाला हो सकता है। सोचें कि क्या आप यह कार्य विद्यालय प्रबन्ध समिति (एसएमसी) के किसी सदस्य या किसी विश्वासपात्र अध्यापक को सौंप सकते हैं। आपको विद्यार्थी के चयन के बारे में सावधान रहना होगा – यदि आप जानबूझकर सबसे योग्य विद्यार्थी को चुनेंगे, तो संभव है कि आपको सीखने की अधिक जटिल जरूरतों वाले विद्यार्थी का प्रेक्षण करने से जो तस्वीर मिलती उससे अलग तस्वीर मिले। आपको बाद में, विद्यार्थी के साथ अनुभव की चर्चा करने का समय भी निकालना होगा, क्योंकि दिनभर के इस अभ्यास के बारे में उसके विचार भी महत्वपूर्ण हैं।

साया बनने के कार्य के बाद, आपने जो देखा उसका विश्लेषण करना होगा और मुख्य सीखने के बिंदुओं को स्टाफ के साथ और शायद विद्यालय प्रबन्ध समिति (एसएमसी) के साथ भी साझा करना होगा।

Discussion

आपको इस कार्य के लिए अबाधित समय समर्पित करना होगा और अध्यापकों के सामने इस बात पर जोर देना होगा कि आप सीखने का अवलोकन कर रहे हैं, अध्यापन का नहीं। अपने विद्यालय में ‘अदृश्य’ रह कर कार्य करना बहुत कठिन है और हो सकता है कि विद्यार्थी आपको अपने पीछे लगा देख कर भयभीत या हतोत्साहित हो जाएं। आपको ध्यान से यह सोचना होगा कि इस भूमिका में किस प्रकार हस्तक्षेपी और बाधक होने से बचा जाए – आप जो कर रहे हैं उसके बारे में विद्यार्थियों और स्टाफ को पहले से बता देना आवश्यक है, पर जिस विद्यार्थी का साया आप बन रहे हैं उसका नाम दिन पूरा हो जाने तक गुप्त रखना ही सबसे अच्छा है।

साधन 5: कक्षा प्रेक्षण

कक्षा प्रेक्षण, प्रारम्भिक भयभीत न करने वाले तरीके से कर पाना कठिन होता है, विशेष रूप से इसलिए कि आप प्रधानाध्यापक हैं और इसलिए अगर आप कक्षा में हों तो लोग अलग तरह से व्यवहार करेंगे। हो सकता है कि आप इस बात के आदी हों कि जब आप कक्षा में प्रवेश करते हैं तो विद्यार्थी सतर्क हो जाते हैं, पर आदर्श रूप में आप चाहेंगे कि आप शांति से कक्षा में प्रवेश कर जाएं और वहां खड़े हों या बैठें जहां से आप पूरी कक्षा का प्रेक्षण कर सकें – यदि आप पीछे विद्यार्थियों के साथ बैठते हैं तो आप कक्षा के उनके अनुभव के सबसे निकट होंगे। अगर विद्यार्थी समूहों में कार्य कर रहे हों या अलग-अलग कार्य कर रहे हों तो उनके सीखने का नमूना पाने के लिए आप कक्षा में चहलकदमी कर सकते हैं।

यदि विद्यालय में प्रेक्षण करने की संस्कृति न हो, तो आपको धीमी शुरूआत करनी होगी। इस स्थिति तक पहुंचने में थोड़ा समय लग सकता है कि आप पाठों का प्रेक्षण करें और कक्षा में बेचैनी उत्पन्न न हो। एक संभावित पद्धति यहां दी गई है:

  1. अपने अध्यापकों को एक-दूसरे का प्रेक्षण करने के लिए प्रोत्साहित करें। टीईएसएस-इंडिया (Tess-India) इकाइयों में कई गतिविधियां इसे प्रोत्साहित करती हैं। जब तक वे एक दूसरे का निरीक्षण करें, आप उनकी कक्षा को पढ़ाने की पेशकश कर सकते हैं। इस तरह से, छात्र कक्षा में आपको अधिक से अधिक देखने के आदी हो जाएंगे।
  2. ‘अधिगम चहलकदमी‘ नियमित रूप से करें ताकि पाठों के दौरान शिक्षक और छात्र आपको कक्षा के बाहर, दरवाजे के पास रुकते हुए देखने की आदी हो जाएं।
  3. जब आपको महसूस हो कि आप पाठ का निरीक्षण करने में सक्षम हैं, तब ‘अवलोकन फार्म‘ का उपयोग करें, ताकि शिक्षक जानें कि आप क्या खोज रहे हैं और बाद में आप इस का उपयोग उन लोगों के साथ पाठ की चर्चा करने के लिए करें। संसाधन 4 में एक उदाहरण है जिसका इस्तेमाल आप कर सकते हैं।

3 अपने आँकड़ों को संगठित करना

5 सारांश