संसाधन 2: दो पाठ
पाठ 1: गणित, आकृति, स्थान परिवर्तन व भाषा
आकार की भाषा गणितीय शब्दावली व संकल्पनाओं से परिपूर्ण है। ‘किनारा’, ‘सतह’, ‘रेखा’, ‘समानांतर’, ‘गहराई’, ‘कोण’, ‘आयतन’, ‘बिंदु’ व ‘खंड’ आकारों से संबद्ध कई शब्दों के केवल कुछ उदाहरण ही हैं। इस गतिविधि में आप जो आकार उपयोग करेंगे, वह आपकी कक्षा की आयु व उनके पूर्व ज्ञान पर निर्भर करेगा। इस गतिविधि के लिए आपको कुछ गणितीय पुस्तकों की आवश्यकता होगी।
- अपनी कक्षा को समूहों में बाँट दें। प्रत्येक समूह को किसी आकार का नाम दें, जैसे ‘वर्ग’, ‘आयत’, ‘त्रिभुज’, ‘वृत्त’, ‘असमांतरभुज’, ‘समचतुर्भुज’, ‘पंचकोण’, ‘अष्टभुज’, ‘अंडाकार’ या ‘समांतर चतुर्भुज’। आप एक से अधिक समूहों को एक ही नाम दे सकते हैं। प्रत्येक समूह को गणित की एक पुस्तक दें।
- अपनी कक्षा को बताएँ कि आप उनसे क्या करने की उम्मीद रखते हैं। पाठ्य पुस्तक में एक उदाहरण आकार की जानकारी खोजें। फिर इन शब्दों से शुरू करके कि ‘मैं एक [आकृति] हूँ’, सही गणितीय शब्दों का उपयोग करते हुए आकार के बारे में कक्षा को समझाएँ।
- प्रत्येक समूह को पाठ्य पुस्तक से अपने आकार के बारे में जानकारी खोजने को कहें। वे जानकारी को याद रख सकते हैं या चार्ट पेपर पर उसके बारे में नोट्स बना सकते हैं।
- प्रत्येक समूह को अपना आकार बाकी कक्षा के सामने प्रस्तुत करने को आमंत्रित करें। उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे उसका वर्णन करते समय उचित भाषा का उपयोग करें, उदाहरण के लिए: ‘हम आयत हैं। हमारे चार सरल रेखाखण्ड/भुजा होते हैं लेकिन दो रेखाखण्ड/भुजा बाकी दो से अधिक लंबे होते हैं। रेखाखण्ड/भुजा समानांतर होते हैं।’
- प्रत्येक समूह को साथ खड़े होकर व एक-दूसरे का हाथ पकड़कर भौतिक रूप से अपना आकार बनाने को कहें। इसे वे कक्षा में ही या बाहर कर सकते हैं जहाँ अधिक स्थान होता है।
- प्रत्येक छात्र से अपना आकार व किसी दूसरे समूह से कोई और आकार बनाने को कहें, साथ ही वे आकार के भीतर व उसके आस-पास उन्होंने जो पढ़ा या आपको या अन्य छात्रों को बोलते सुना उसके आधार पर शब्द लिखें। चित्र R2.1 में एक उदाहरण दिया गया है।
पाठ 2: ग्रह, रंग व कविता की भाषा
सभी ग्रहों के प्राकृतिक रंग व प्रतिमान भिन्न व बहुत सुंदर हैं। इस गतिविधि में आप जो भाषा उपयोग करेंगे, वह आपके छात्रों की उम्र व पृष्ठभूमि पर निर्भर करेगी। इस गतिविधि के लिए आपको ग्रहों के चित्र या रेखांकनों, या रंगीन चॉक की आवश्यकता होगी।
- यदि आपके पास ग्रहों के अच्छे चित्र या रेखांकन (डिजाइन) हों तो उनका उपयोग करें, या वैकल्पिक रूप से उन्हें रंगीन चॉक द्वारा ब्लैकबोर्ड पर बना लें (चित्र R2.2)। इन छवियों को अपनी कक्षा को दिखाते हुए ग्रहों के रंगों व प्रतिमानों का विस्तार से वर्णन करें। अपने छात्रों को उन ग्रहों के बारे में बताने के लिए आमंत्रित करें, जिनका उन्होंने स्वयं अवलोकन किया हो या जिनके बारे में वे अपने पढ़ने के कारण जानते हों।
- ग्रहों के विभिन्न ‘व्यक्तित्व’ या ‘गुणों’ वाला होने का विचार प्रस्तुत करें। उदाहरण के लिए, अपने पीलापन लिए हुए नीले व भूरे रंग के साथ बृहस्पति शांत दिखता है, हल्का भूरा शनि ‘सुप्त’ दिखता है; नारंगी-लाल मंगल ‘आग बबूला’ व ‘क्रोधित’, या ‘गर्म’ हो सकता है; सूर्य ‘प्रफुल्लित’ हो सकता है, लेकिन यह ‘विस्फ़ोटक’ या ‘पास जाने में बहुत ख़तरनाक’ भी हो सकता है। अपने छात्रों को प्रत्येक ग्रह के बारे में सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित करें, उनके विचार ब्लैकबोर्ड पर लिखते जाएँ।
- प्रत्येक छात्र को दो ग्रहों का चयन करके उन्हें अपनी अभ्यास पुस्तिका में आरेखित कर सावधानी से रंग भरने को कहें (चित्र R2.3)। उनसे अपने ग्रह के बारे में एक अनुच्छेद या कोई कविता लिखने को कहें, जैसे कि उसमें कोई व्यक्तिगत गुण हों। उन्हें अपना अनुच्छेद पहले अपने जोड़ीदार को और फिर पूरी कक्षा को सुनाने को कहें।