2 कक्षा में कथावाचन का उपयोग करना

कहानियाँ सुनने से छात्रों को नई शब्दावली, वाक्यांशों और भाषा संरचनाओं को जानने का मौक़ा मिलता है, जिससे बोलने और लिखने की उनकी संवाद क्षमताएँ बढ़ती हैं। जब आपके छात्र कहानियाँ सुनते हैं और उन्हें खुद कहानियाँ सुनाने का मौक़ा दिया जाता है, तो उनके भाषा कौशल में वृद्धि होती है।

चित्र 1 कक्षा में कहानियों का उपयोग करना।

गतिविधि 1: तीन कहानियाँ

संसाधन 2 की तीनों कहानियाँ पढ़ें: ‘चौड़े मुंह वाली मेंढकी’, ‘बूढा शेर और लालची यात्री’ तथा ‘A Tale from Persia’। इनमें से हर कहानी अलग तरह की है।

उनके वर्णन इस प्रकार हैं। क्या आप प्रत्येक के साथ सही कहानी का मिलान कर सकते हैं?

  • एक कहानी दोहरावपूर्ण और मज़ेदार है। यह खासतौर पर भाषा और साक्षरता के विकास के लिए अच्छी है। इसमें ऐसे हावभाव हैं, जिनका उपयोग कथावाचक द्वारा किया जा सकता है, जबकि छात्र उन वाक्यांशों को दोहराकर और नकल करके इसमें शामिल हो सकते हैं।
  • एक कहानी पारंपरिक कथा है, जिसमें एक सशक्त नैतिक संदेश है।
  • एक और कहानी भी पारंपरिक कथा है, जिसमें जोड़ना, घटाना, और विषम व सम संख्याओं जैसी गणितीय अवधारणाएं हैं।

एक या अधिक कहानी चुनें। अपने परिवार या सहकर्मियों के साथ इन्हें ऊंची आवाज़ में बोलने का अभ्यास करें। इसके बाद पाठ से सहायता लिए बिना इसे अपने शब्दों में सुनाने की कोशिश करें। बेझिझक कहानी के भागों में बदलाव करें। यह जैसी लिखी है, ठीक उसी तरह उसे बताना आवश्यक नहीं है। जहाँ आवश्यकता हो, कहानी के साथ कुछ हावभावों का उपयोग करें।

अगली गतिविधि आपको बताती है कि अपनी कक्षा के लिए एक कथावाचन सत्र की योजना कैसे बनाएँ। आपने गतिविधि 1 में जो कहानियाँ पढ़ी थीं, आप उनमें से किसी का उपयोग कर सकते हैं या आप कोई अन्य कहानी चुन सकते हैं, जिसमें आपको मज़ा आता हो और जिसे आप आत्मविश्वास के साथ सुना सकते हों।

गतिविधि 2: एक कथावाचन पाठ की योजना बनाना

अपनी कक्षा के लिए एक उपयुक्त कहानी चुनें। आप कोई परिचित लोककथा चुन सकते हैं, पाठ्यपुस्तक से कोई कहानी ले सकते हैं या अपने अथवा किसी अन्य के अनुभव से कोई रोचक घटना सुना सकते हैं।

इस उदाहरण में संसाधन 2 की कहानी ‘चौड़े मुंह वाली मेंढकी’ का उपयोग किया गया है, लेकिन आप कोई अन्य कहानी भी चुन सकते हैं और उसके अनुसार योजना को अनुकूलित कर सकते हैं।

चित्र 2 ‘चौड़े मुंह वाली मेंढकी’।.
  • यह कहानी अच्छी तरह याद करें और प्रत्येक पात्र के लिए अलग-अलग आवाज़ों, अभिव्यक्तियों या हावभावों का उपयोग करके टेक्स्ट के बिना इसे सुनाने का अभ्यास करें।
  • कहानी के मुख्य शब्दों और अभिव्यक्तियों की पहचान करें (उदा. मेंढक, बकरी, भालू, चौड़ा मुंह, माँ, दूध, बीज, कीड़े). इन मुख्य शब्दों को चित्रित करने वाले चित्र बनाएँ या वस्तुएं ढूंढें। इन चित्रों और वस्तुओं से आपको कहानी सुनाते समय इसे याद रखने में मदद मिलेगी।
  • अपने छात्रों को अपने आस-पास इकट्ठा करें। उनसे कुछ शुरूआती प्रश्न पूछें, जैसे:
    • ‘क्या आपको पता है, मेंढ़क कैसा होता है? वह कैसा दिखता है? ’
    • ‘वह कैसी आवाज़ निकालता है?’
    • ‘वह किस तरह चलता है? क्या आप मुझे दिखा सकते हैं?’
    • ‘क्या आप जानते हैं, मेंढकों को क्या खाना पसंद है?’
  • कहानी के अन्य जानवरों के बारे में बात करें और उनके बारे में प्रश्न पूछें।
  • यदि आवश्यक हो, तो आपके प्रश्नों को और किसी नए शब्द या अभिव्यक्ति को समझने में छात्रों की मदद करने के लिए उनके घर की भाषा का उपयोग करें।
  • उन्हें समझाएँ कि आप जो कहानी सुनाने वाले हैं, वह एक ऐसी मेंढकी के बारे में है, जिसका मुंह बहुत चौड़ा था। अपना मुंह चौड़ा करके बताएँ।
  • अलग अलग पात्रों के लिए उपयुक्त आवाज़ों का उपयोग करते हुए, प्रभावी बनाने के लिए आवाज़ में उतार-चढ़ाव लाकर, हावभावों का उपयोग करके, और साथ ही साथ कोई वस्तु या चित्र दिखाकर कहानी सुनाएँ।
  • बीच-बीच में रूककर अपने छात्रों से सवाल पूछें। इनमें इस तरह के प्रश्न शामिल हो सकते हैं:
    • ‘आपको क्या लगता है कि पक्षी माएँ अपने बच्चों को क्या खिलाती हैं?’
    • ‘आपको क्या लगता है, अब वह किससे मिलने जा रही है?’ (यदि आपके पास उत्तर दर्शाता चित्र है, तो उन्हें दिखाएँ।)
  • कहानी के अंत के बारे में पूरी कक्षा से चर्चा करें। इस प्रकार के प्रश्न पूछें, जैसे:
    • ‘मेंढकी क्यों डरी हुई थी?’
    • ‘मेंढकी ने भालू को किस तरह उत्तर दिया? और क्यों?’
    • ‘आपको क्या लगता है, मेंढकी ने आगे क्या किया?’
  • इस बारे में सोचें कि पाठ कैसा रहा, और ऐसा करते समय टिप्पणियाँ दर्ज करते जाएँ। कौन-सी चीजें अच्छी रहीं? अगली बार आप क्या सुधार करेंगे? क्या इसमें सभी विद्यार्थी शामिल थे? यदि ऐसा लगता है कि कुछ छात्र समझ नहीं पाए, तो इसका कारण क्या हो सकता है? क्या उनमें से सभी को कहानी के लिए प्रतिक्रिया देने या उसके बारे में बात करने का मौका मिला था? इस तरह पाठ का मूल्यांकन करने से आपको पता चलेगा कि आपके छात्र किस प्रकार अपनी भाषा और सुनने के कौशल को विकसित कर रहे हैं, साथ ही आपको अपनी कथावाचन तकनीकों में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।
  • कहानी सुनाते समय अपने सभी विद्यार्थियों की आँखों में आँखें डालकर बात करें - चाहे वे आपके पास बैठे हों या आपसे दूर।

सुनने के अलावा कहानी सुनाना विद्यार्थियों की कई गतिविधियों को भी प्रोत्साहित कर सकता है। छात्रों से कहा जा सकता है कि वे कहानी में बताए गए सभी रंगों या संख्याओं को लिखें, समूहों में इन्हें प्रदर्शित करें, कहानी का अंत बदलें, दो पात्रों की तुलना करें, या इसमें उठाई गई समस्याओं के बारे में चर्चा करें।

उन्हें समूहों में बाँटा जा सकता है और चित्र या वस्तुएं देकर किसी अन्य नज़रिए से कहानी दोबारा सुनाने को कहा जा सकता है, या पात्रों के कुछ अंश लेकर एक साथ एक नाटिका की जा सकती है।

बड़ी उम्र के छात्रों को एक ज्यादा जटिल कहानी का विश्लेषण करने, किसी विशिष्ट घटना की वैज्ञानिक व्याख्या पर विवाद करने, तथ्यों को कल्पनाओं से अलग करने, या कोई भी संबंधित गणितीय समस्याएँ सुलझाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।

1 कथावाचन का उपयोग क्यों करें?

3 सामुदायिक कहानियाँ एकत्र करना